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Itani garam chut pehaleei baar chodi thi

Itani garam chut pehaleei baar chodi thi

मेरे प्रॉजेक्ट के सारे लड़के उसके पीछे पड़े थे, लेकिन उसे यहाँ के लड़के बिल्कुल भी पसंद नहीं थे और में भी पहाड़ी इलाके से था इसलिए वो मुझसे बहुत खुलकर बात किया करती थी. दोस्तों मैंने कभी भी उसके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचा था हम दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे, लेकिन में उसे मेम साहब ही बुलाता था और उसकी अभी कुछ समय पहले ही शादी फिक्स हो गई थी उसने अपनी शादी पर सबको बुलाया था, लेकिन वहां पर कोई भी नहीं जा पाया. मुझे अपने घर पर जाना था इसलिए मैंने 15 दिन की छुट्टी ली हुई थी और में उसी के साथ उसके घर पर चला गया.

हम लोग वड़ोदरा तक फ्लाइट से गये और फ्लाइट में आधे घंटे तक हम एकदम चुपचाप बैठे रहे और फिर आधे घंटे के बाद मैंने उससे पूछा कि आपको क्या वो लड़का पसंद भी है या कोई सरकारी नौकरी वाला लड़का देखा और शादी कर रही हो? पहले तो वो हंसी, लेकिन फिर उदास हो गयी और बोली कि मुझे ये शादी नहीं करनी. मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों? तो वो बोली कि वो लड़का मुझसे पांच साल बड़ा है और शक्ल से बुड्ढा लगता है, लेकिन वो मेरे पापा के एक दोस्त का बेटा है इसलिए में शादी के लिए मना भी नहीं कर सकती हूँ.

इतनी गर्म चुत पहली बार चोदी थी

फिर मैंने पूछा कि आप मना क्यों नहीं कर रहे हो? वो दोस्त का बेटा है तो ज़रूरी नहीं है कि उससे ही शादी करनी है? तो वो बोली कि मेरे पापा उनके घर पर ही नौकरी करते थे और उन्ही ने मेरी पढ़ाई का खर्चा भी उठाया है इसलिए में कुछ नहीं बोल सकती. यह बात कहकर उसने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया और मुझे अपने सीने से लगा लिया और रोने लगी. फिर मैंने उससे बोला कि सब ठीक हो जाएगा और इस बीच मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा लंड पेंट में तंबू बनाकर बैठ गया था. यह उसके बूब्स का मेरी छाती पर स्पर्श करने के अहसास का कमाल था.

मैंने उसे चुप करवाया और फिर में उठकर बाथरूम में टॉयलेट चला गया और वहां पर मैंने उसका अहसास मन में लेकर मुठ मारी और सोचा कि मेरे पास एक बहुत अच्छा मौका है और में इसकी ले सकता हूँ और वैसे भी ऐसी मस्त जवानी को चोदने में तो मज़ा भी बहुत आएगा और अब में उसके बदन के बारे में सोचने लगा उसके 34 साईज के बूब्स 28 की कमर और 36 इंच की गांड. मुझे उसकी लेने में कितना मज़ा आएगा? फिर में कुछ देर बाद बाहर आ गया और उसके पास बैठ गया. तभी उसने मेरी तरफ स्माइल किया और मुझसे बोला कि तुम शादी तक मेरे साथ मेरे घर पर चलो, शादी बाद अपने घर पर चले जाना.

दोस्तों मैंने पहले तो साफ मना किया, लेकिन जब दोबारा मेरी नजर उसके बूब्स पर नज़र गई तो अपने आप मेरे मुहं से हाँ निकल गया. वो बहुत खुश थी और दो घंटे में हम वड़ोदरा पहुंच गए. करीब रात के 9 बजे हमे वहां से बस से जाना था 10 घंटे का सफ़र था और वो भी पूरी रात का. में तो सोचकर ही अपने लंड पर कंट्रोल नहीं कर सका था. हमने एक ऐसी बस का टिकट ले लिया और बस में बैठ गये और 10 बजे हमे वड़ोदरा से निकले. मैंने बात शुरू की तो मेम साहब अब आप तो ऑफिस में कम और घर पर ज़्यादा रहोगी बैचारे सारे लड़को का दिल टूट जाएगा, वो हंसी और बोली कि नहीं नहीं मेरा पति तो वड़ोदरा में नौकरी करते है और में नवी मुंबई में रहूंगी जब तक मुझे तबादला नहीं मिलता में ऑफिस में ही रहूंगी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके पूछा कि लेकिन आप शादी करने के बाद अकेले कैसे रहोगी?

तो उसने भी बड़े शरारती तरीके से जवाब दिया कि तुम हो ना मेरे साथ और में हंसने लगा. फिर धीरे धीरे रात हुई और एक बज गए, लगभग सब सो गए, लेकिन हम दोनों को नींद ही नहीं आ रही थी वो एकदम फ्री होकर बैठी हुई थी और उसकी सुंदर गोरी छाती मुझे दिख रही थी और में लगातार उन्हे ही देख रहा था. तभी उसने मेरी तरफ देखा और पूछा कि ऐसा क्या देख रहे हो? मैंने कहा कि कुछ नहीं, आप इतनी सुंदर हो फिर क्यों जा रही हो शादी करने? आपको उससे भी बहुत अच्छा लड़का मिल जाएगा, वो फिर से उदास हो गयी और इस बार मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और मैंने उनसे कहा कि मेम साहब आप परेशान मत होना, में हूँ ना आपके साथ तो उसने पूछा कि तू क्या कर लेगा?
फिर मैंने कहा कि मेम साहब आप जो बोलो, उसने कहा कि लेकिन मुझे खुश तो नहीं रख सकते ना? मैंने कहा कि आप जो बोलोगी में वो सब आपके लिए कर दूँगा. तभी उसने कहा कि शादी के बाद लड़की का पति ही उसे पूरी तरह से खुश रखता है. अब उसका हाथ अब धीरे धीरे खिसकते हुये मेरे लंड के पास पहुंच चुका था और मेरा लंड टाईट था.

 

मैंने कहा कि मेम साहब आप मुझे एक मौका तो देना और इतना कहकर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया और उसके हाथ पर जैसे ही मेरा लंड महसूस हुआ तो उसने अचानक से अपना हाथ हटा दिया. उसने कहा कि तू बहुत अच्छा है और मेरे गाल पर एक किस कर दिया. आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था और मैंने भी उसके होंठो पर एक किस कर दिया जिसकी वजह से उसे अचानक से एक झटका लग गया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और बिल्कुल चुपचाप बैठ गई. मैंने फिर मौका देखकर उसके गले पर एक किस कर दिया. उसने कहा कि यह क्या कर रहा है?

मैंने कहा कि मेम साहब आपने मुझे किस किया तो मैंने भी आपको एक किस किया और जब किस मैंने किया तो आपने क्यों नहीं किया? तभी इतने में उसने भी मेरे होंठो पर एक किस कर दिया फिर मैंने कहा कि वाह मेम साहब मज़ा आ गया. मैंने उसे पकड़ा और ज़ोर से उसे स्मूच करने लगा, लेकिन उसने अब भी मुझसे कुछ नहीं कहा उसे भी अब बहुत मजे आ रहे थे. मैंने उसके नीचे वाले होंठ को अपने मुहं में दबा लिया और चूसने लगा, वो बहुत मस्त हो रही थी. मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और उसके टॉप के ऊपर से ही दोनों बूब्स को मसलने लगा और उसने अब अपनी दोनों आखें आँखे बंद कर ली और लंबी गहरी गहरी साँसे ले रही थी.

मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला और पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया. अब वो मेरे होंठ को चूस रही थी और अब उसकी ब्रा बिल्कुल ढीली हो गई थी और मैंने कपड़ो के अंदर से ही ब्रा के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. में उसके बूब्स को इतनी तेज मसल रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा था. फिर अचानक से उसने मुझे धीरे से धक्का देकर पीछे कर दिया, मैंने पूछा कि क्या हुआ?

तो वो बोली कि नहीं यह सब काम बहुत ग़लत है मुझे आगे कुछ नहीं करना. तो मैंने कहा कि मेम साहब यही सही है बाद में आप इसे ही याद करके मुस्कुराओगी और फिर से मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया और उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन अब उसे बहुत अच्छा लग रहा था उसने झट से मेरी जींस के अंदर हाथ डाल दिया और जैसे ही मेरा लंड उसके हाथ में आया तो वो एकदम से डर गई और बोली कि यह तो बहुत डरावना है?

तभी मैंने उसे पकड़ा और लगातार उसके होंठो को चूसता रहा. उसने भी अब मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया और में अब पूरे जोश में था. में अब उसके बूब्स को और भी ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और में उस समय इतना जोश में आ चुका था कि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि शायद उसे दर्द भी हो रहा होगा. मैंने अपने हाथ से उसके एक बूब्स को टॉप के ऊपर से बाहर निकाल दिया और सीधे अपने दाँत उसकी निप्पल पर गड़ा दिए. उसे दर्द हो रहा था, लेकिन मजे भी बहुत आ रहे थे.

वो मुझे उसकी तनी हुई निप्पल से पता लग रहा था. मैंने उसकी निप्पल को अपनी जीभ से बहुत चाटा और अपनी जीभ उसकी निप्पल के चारों और घुमा रहा था और उसके दूसरे बूब्स को मेरे हाथ से अच्छी तरह से मसल रहा था. वो भी मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी. तभी अचानक उसके हाथ पर कुछ गरम गरम गीला पानी फैल गया. उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी जींस के ऊपर रख दिया.

फिर मैंने उसका बटन खोला और जींस में एक हाथ डाल दिया. मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी बहुत गीली थी और वो अब बहुत गरम हो चुकी थी. उसे कुछ चाहिए था जो वो अपने अंदर डाल सके उसने मेरा हाथ पकड़कर बहुत ज़ोर से अपनी चूत पर दबाया, जिसकी वजह से में उसकी प्यास को समझ गया और अब मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर घुसाने की कोशिश की, वो वर्जिन थी जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हो रहा था. मैंने उसके होंठ फिर से चूसने शुरू कर दिए और एक हाथ से बूब्स को दबाने लगा और अपनी उंगली को बहुत धीरे धीरे अंदर डालने लगा, लेकिन अब मेरी एक उंगली अंदर जा चुकी थी. तभी उसने मुझे वहीं पर रोक दिया वो मुझसे बोली कि घर भी जाना है और यह कोई ट्रेन नहीं है इसलिए में चेंज नहीं कर सकती इसलिए मैंने ऊपर से ही उसकी चूत को मसलना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर में वो झड़ गई और उसने अपने रूमाल से अपनी चूत को साफ किया और उसे बाहर फेंक दिया.

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अब सुबह के तीन बज चुके थे. हमारे पीछे वाली सीट पर दो लड़कियाँ बैठी हुई थी और उनकी आँख अब खुल गयी थी और उन्होंने कंडक्टर को भी उठा दिया और अब लाईट भी जल चुकी थी. हमारा सब कुछ खुला हुआ था इसलिए हमने अपने ऊपर एक कंबल डाल लिया. बस करीब पांच मिनट के लिए वहीं पर रुकी रही. फिर पांच मिनट के बाद बस फिर से चलने लगी तो कंडक्टर अपनी सीट पर जाकर सो गया और वो लड़कियां भी चुपचप लेट गई. तभी मेम साहब ने कंबल को थोड़ा नीचे किया तो मैंने देखा कि उनके बूब्स एकदम लाल हो गये थे और उनकी निप्पल अभी भी बहुत टाईट थी.
फिर ड्राइवर ने लाईट बंद की और हम फिर से शुरू हो गये. मैंने उसके बूब्स को बहुत देर तक चूसा था. सुबह 5 बजते ही दो, तीन लोग उठ गये तो मैंने उसके कन में कहा कि अब हम कुछ नहीं कर सकते और कंबल के अंदर ही अंदर मैंने उसकी ब्रा को ठीक किया और उसके सारे कपड़े सही किए. फिर हमे जब भी मौका मिलता हम किस कर लेते इस तरह हम 8 बजे जम्मू पहुंच गये. वहां उसके दो भाई उसे लेने आए थे. उसने अपने भाईयों से मेरा परिचय करवाया और मैंने जल्दी ही उसके भाईयों से दोस्ती कर ली और फिर जैसे ही हमें मौका मिलता में उसके बूब्स दबा देता और में कभी कभी ज़ोर से भी दबा देता. दोस्तों हमारे पांच दिन ऐसे ही काम करते हुए निकल गये और अब शादी में सिर्फ दो दिन ही बचे थे. में उनका अब बहुत करीबी मेहमान बन गया था, इसलिए मेरा कमरा स्पेशल था.
में उस कमरे में बिल्कुल अकेला ही था और मेरा कमरा फेमिली के साथ ही था. शादी से एक दिन पहले एक रस्म होती है जिसमें दुल्हन लहंगा पहनती है. वो उसे पहनकर बहुत सुंदर लग रही थी और में उसके नाम की मुठ मारकर सोने लगा. रात को दो बजे मेरे पास फोन आया मैंने जब देखा तो वो मेम साहब का फोन था. मैंने फोन उठाया तो उसने मुझसे कहा कि दरवाजा खोलो. मैंने दरवाजा खोला और सामने देखा तो एकदम पागल हो गया वो अब भी उसी लहंगे में थी, लेकिन उसने दुपट्टा नहीं डाला था उसने एकदम टाईट गुलाबी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था जिसमें से उसकी छाती बहुत सेक्सी दिख रही थी. ब्लाउज के नीचे उसकी शरारती नाभि भी बहुत मस्त लग रही थी. उसका वो लहंगा एकदम चिकना था जो उसने पहना हुआ था और गांड के पास से एकदम टाईट था.
मैंने उसे अंदर बुलाया और पूछा कि क्या हुआ? उसने कहा कि मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे अब ऐसा लग रहा है जैसे कि मेरी जिंदगी बर्बाद हो रही है. फिर मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और वो मेरी छाती पर अपना सर रखकर रो रही थी. मैंने उससे कहा कि आप डरो मत, में हूँ ना, नवी मुंबई में तो हम साथ ही रहेंगे. तब इस बारे में सोचेंगे प्लीज आप अभी मत सोचो कल शादी है वरना बहुत समस्या हो जाएगी और अब वो थोड़ा शांत हुई और मेरे होंठ पर किस करने लगी.

मैंने भी उस मौके का फायदा उठाया और उसे कसकर जकड़ लिया और उसकी सारी लिपस्टिक को चूस चूसकर साफ कर दिया. मैंने उसे अब अपने बेड पर लेटा दिया और सीधे उसकी छाती पर किस किया. वो बहुत मजे ले रही थी और में भी बेड पर लेट गया और उससे कहा कि मेरे पेट पर बैठ जाओ. तभी उसने वैसा ही किया और वो दोनों तरफ पैर करके मेरे ऊपर बैठ गयी और मैंने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए. वो मेरी शर्ट के बटन खोने लगी और मेरी निप्पल से खेलने लगी.

तभी उसने मुझसे कहा कि मुझे भी आज कुछ करना है तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर मैंने उसकी सिर्फ़ पेंटी उतारी और अपनी जींस और अंडरवियर को उतार दिया. मैंने उससे कहा कि में आज आपको कुछ ज़्यादा मजे देता हूँ, मैंने उसे लेटा दिया और 69 पोज़िशन में आकर अपना लंड उसके मुहं पर रख दिया. वो मेरे लंड के टोपे को चूसने लगी और मुझे उसकी गरम जीभ मेरे लंड पर महसूस हो रही थी. में अब बिल्कुल पागल हो रहा था और मैंने भी उसके लहंगे को ऊपर किया और उसकी चूत को थोड़ा सा रगड़ दिया तो उसने अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकाली. मैंने उससे कहा कि लंड चूसते रहना वरना आवाज़ निकली तो बाहर लोगों को पता लग जाएगा और अब उसने वैसा ही किया में उसकी चूत को चाटने लगा और उसके पैरों की हलचल से पता चल रहा था कि उसे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैंने उसकी चूत में जीभ को डाल दिया और उसने एकदम से पैरों में मुझे दबा लिया. मैंने उसकी जाँघो को ज़ोर से दबाया तो उसने थोड़ा ढीला छोड़ दिया और में अपनी जीभ को अब अंदर बाहर करने लगा और वो मेरा लंड चूसती रही. तभी थोड़ी देर में वो झड़ गई और उसने भी मेरा लंड चूस चूसकर मेरा वीर्य बाहर निकाल दिया और अब मैंने उससे बोला कि अब आप तैयार हो और में भी आज आपको एक रात के लिए अपनी बीवी बना लेता हूँ. उसने कहा कि ठीक है, लेकिन अब थोड़ा जल्दी करो.
फिर मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया और उसके ब्लाउज और लहंगे को उतार दिया. मैंने उसकी चूत के मुहं पर अपना लंड टिकाया और दोनों हाथों से उसके बूब्स को पकड़ा और उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूसने लगा और धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत के अंदर डालने लगा. उसे अब थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था जिसकी वजह से उसने बेडशीट को बहुत कसकर पकड़ रखा था. अब मैंने धीरे धीरे से अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया और उसकी आंख से आँसू निकलने लगे थे और अब हम दोनों पसीने से पूरी तरह नहा गये थे और फिर पूरा लंड अंदर डालने के बाद में थोड़ी देर लेट गया और फिर धीर धीरे आगे पीछे करने लगा.
फिर थोड़ी देर दर्द सहने के बाद उसे भी अब मज़ा आने लगा और वो मोन hindi sexy story करने लगी, लेकिन मुहं से बिल्कुल भी आवाज़ नहीं करनी थी इसलिए मुझे उसके होंठो को फिर से चूसना पड़ा और इस तरह 15 मिनट तक उसे चोदने के बाद में झड़ गया और मैंने सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और तब तक सुबह के तीन बज चुके थे.

मैंने उससे कहा कि चलो तुम अब जल्दी से सब साफ सफाई करके अपने रूम में चली जाओ वर्ना कोई भी समस्या हो सकती है. मैंने उसकी चूत को गरम पानी से साफ किया और कपड़े पहनाए और फिर एक बार फिर से उसके होंठ को चूमा और थोड़े से बूब्स दबाए और कहा कि अब जो करना है वो सब नवी मुंबई में करेंगे. फिर उसने गर्दन हिलाकर हाँ कहा और चली गयी. उसके अगले दिन उसकी शादी हो गई और में अपने घर पर आ गया.

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