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Doodh wali girlfriend ka dooh piya – दूध वाली गर्लफ्रेंड का दूध पिया

Doodh wali girlfriend ka dooh piya – दूध वाली गर्लफ्रेंड का दूध पिया

 

 

फिर मैंने अंदर आकर देखा तो उसका पति कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहा था और मैंने उन्हें जाने के लिए बहुत मना किया, लेकिन वो बोले कि में अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने जा रहा हूँ और रात को थोड़ा देरी से आ जाऊंगा, लेकिन तुम कहीं जाना नहीं, हम आज रात को बैठकर पार्टी करेंगे. फिर वो कुछ देर बाद चला गया और उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए खाना गरम किया और मुझे खाना परोसने लगी और मेरे खाना खाते समय उसने मुझसे पूछा कि कैसे आना हुआ?

फिर मैंने पलट कर जवाब दिया कि बस ऐसे ही और जब में वहां पहुंचा तब मुन्ना सो रहा था. फिर मेरी सफर की थकान के कारण उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम जल्दी से नहा लो और में तब तक घर की साफ सफाई करती हूँ. फिर में नहाने चला गया और तब मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा टूटा हुआ था. फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली कि हाँ यह कल ही टूटा है और इसे ठीक करवाना है. फिर में शरमाते हुए नहा रहा था तो तभी मुझे बच्चे के रोने की आवाज़ आई. दोस्तों उसका घर बहुत बड़ा था और वो बच्चा मेरे बाथरूम के सामने वाले बेडरूम में सोया हुआ था. उसने मुन्ने को उठाया और अपनी गोद में लेकर सुलाने लगी, वो ठीक मेरे सामने बैठी थी और वो मुझे नहाते हुए देख रही थी और मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी.

तभी मैंने उसके चहरे पर हंसी देखी तो वो मुझे देखकर ही हंस रही थी. फिर में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि तब तक मुन्ना पलंग पर ही लेटा हुआ था और में मुन्ने के साथ खेल रहा था. उसने मुझे चाय बनाकर दी और फिर वो बाथरूम में कपड़े धोने चली गयी और वो शायद दोपहर में ही नहा चुकी थी मेरे आने से पहले, क्योंकि दरवाजा टूट गया था और अब मुन्ना खेलते खेलते सो गया.

फिर में उसके कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठा और तब रात के दस बजे थे और वो बाथरूम से बाहर आ गई और फिर मुझसे कहने लगी कि प्रवीण सॉरी हाँ यार तुझे भूख लगी होगी, में जल्दी से खाना बनाती देती हूँ. फिर वो अंदर किचन में चली गयी और खाना बनाते हुये मुझसे बातें कर रही थी और तुम्हारे घर पर सब लोग कैसे है? अब उसके खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खा लिया. फिर हम टी.वी. देख रहे थे और थोड़ी देर बाद मुन्ना एक बार फिर से उठ गया, शायद उसे भूख लगी थी.

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फिर से उसने मुन्ने को खाना खिलाया और में सब बैठे बैठे देख रहा था, उसको पता चला कि में देख रहा हूँ, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी देर के बाद में मुन्ना के साथ खेल रहा था और वापस खेलते खेलते मुन्ना कब सो गया पता नहीं चला और वैसे ही पूरा टाईम कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला, मेरी गर्लफ्रेंड और में टी.वी देख रहे थे और तब टी.वी. पर एक छोटी सी प्यार की कहानी फिल्म आ रही थी, लेकिन मुझे इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता था और फिल्म देखते देखते मेरा लंड कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और तब में केफ्री पहनकर बैठा हुआ था, इसलिए उसने मेरे लंड को देख लिया था और में भी उसके बूब्स को देख रहा था और वो मेरे लंड को देख रही थी. फिर तभी उसने मुझसे पूछा कि प्रवीण क्या तुझे दूध पीना है और वो भी भैसे का या मेरा?

तब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया और तब जवाब में मैंने उसे तेरा दूध कह दिया, उसने दरवाजा बंद लिया था. फिर में भी सोने चला गया. दोस्तों में एक अलग कमरे में सोया हुआ था, लेकिन उस फिल्म को देखने के बाद मेरे मन में अब कुछ अलग से ख्याल आ रहे थे और फिर मेरा उसको देखने का नज़रिया बिल्कुल बदल सा गया था, थोड़ी देर बाद उसके कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी.

 

फिर में उठकर कमरे की तरफ चला गया तो कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला था और में छुपकर देख रहा था तो वो अपनी चूत को खुजा रही थी और थोड़ी देर बाद अपनी उंगली उसमें डाल रही थी और चिल्ला रही थी, अह्ह्हहह उह्ह्ह्हह्ह मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, में भी उसको देखकर मुठ मारने लगा था और उसी हड़बड़ाहट में मेरे हल्के से धक्के से दरवाजा खुल गया तो वो जल्दी से उठ गई और में भी डर की वजह से बाथरूम में चला गया और पेशाब का नाटक करके बाहर आ गया और तब उसने गाऊन पहना हुआ था, शायद अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उसका गाऊन चूत के पास से थोड़ा गीला था और मेरा लंड भी केफ्री की वजह से खड़ा दिख रहा था और मैंने कुछ नहीं देखा और अपने बेडरूम में चला गया, लेकिन शायद उसको पता चल चुका था कि मैंने सब कुछ देख लिया है और वो भी मेरे खड़े लंड की वजह से उस रात में सो नहीं सकी और मेरे मन में अजीब अजीब ख़याल आने लगे थे. सुबह में जल्दी उठा ताकि में उसको नहाते हुआ देख सकूं. में छुपकर उसे देख रहा था, उसने अपने गाऊन को उतार दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब धीरे से ब्रा को खोल दिया तो वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके नहा रही थी, क्या सुंदर फिगर था? में देख रहा था कि अब वो कब मेरी तरफ पलटे और मुझे उसकी चूत और पूरे खुले बूब्स देखने को मिले? रात को में थोड़ा अंधेरा होने की वजह से ठीक से नहीं देख पाया था.

 

 

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तभी वो वापस मेरी तरफ घूम गई और में भी जल्दी से पीछे मुड़ा. दोस्तों मेरे रूम के पास ही बाथरूम था और बाथरूम के सामने उसका कमरा था और शायद उसको मेरी आहट लग चुकी थी तो इसलिए वो जानबूझ कर मेरे रूम में आ गई और मेरी तरफ देखने लगी और मेरे पास आकर मेरे सर पर बालों को सहलाती रही और अब मेरा लंड पूरी तरह से वापस खड़ा हो गया, अब मुझे उसके स्पर्श से कुछ अलग सा महसूस होने लगा और साथ ही साथ डर भी लगा, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था.

मैंने सोने का नाटक किया तो फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गई. में उठकर जब नहाने चला गया तो वो मुझे कुछ अलग नज़र से देख रही थी, नहाने के बाद में टी.वी. देखने लगा, उसने चाय बनाई और मुझे दी. तभी मैंने उसे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो तो दो दिन घर नहीं आने वाले है और उसने मुझे मुन्ने के साथ थोड़ी देर खेलने को कहा और मुस्कुराकर बाथरूम में कपड़े धोने चली गई और कपड़े धोने के बाद वो खाना बनाने लगी, तब में उठ गया था और उसने मुझे नाश्ता भी नहीं दिया था, मुझे अब बहुत भूख लगी थी और मैंने उससे कहा भी था तो इसलिए वो जल्दी खाना बनाने लगी और मुन्ने से खेलने के लिये उसने अब मुन्ने को किचन में नीचे अपने पास बैठा दिया और में मुन्ने के पास था, वो बहुत खुले दिल की थी यानी मॉडर्न जमाने की है और वो एम.बी.ए. कर चुकी थी. वो मुझसे बातें करने लगी, लेकिन वो कुछ अलग ही बातें थी, क्योंकि कल रात का परिणाम हम महसूस कर रहे थे. फिर उसने पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? मैंने कहा कि नहीं है और वो मुझे देखकर हंस पड़ी. फिर उसने पूछा कि तूने कभी किसी लड़की को किस किया है? फिर मैंने कहा कि नहीं अभी तक मुझे मौका नहीं मिला और में भी खुले मन से जवाब देने लगा और वो वापस मुस्कुराई. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? वो बिल्कुल नहीं चौकी, क्योंकि उसने मुझे देख लिया था. फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली कि तुम पहले मुझसे वादा करो कि तुम यह बात किसी को नहीं बताओगे, मेरे पति को भी नहीं? तो मैंने झट से हाँ कह दिया. फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी कुछ ज़रूरते ऐसी है कि वो पूरी नहीं हो रही थी. फिर मैंने पूछा कि कौन जरूरते? फिर वो बोली कि प्रवीण तुम वो सब समझते हो तो वो वापस मेरे पास आई और मुस्कुराई और मेरे सर के बालों को हिलाते हुए बोली कि तुम बहुत शरारती हो.

 

दोस्तों अभी भी उसको खाना बनाने के लिए बहुत देर होने वाली थी तो वो मुझे देखती जाती और काम करती, शायद उसने मन में ठान लिया था कि वो मुझसे चुदवाकर ही रहेगी और में भी अब वही मौका ढूँढ रहा था. मैंने बहुत सारी सेक्स कहानियाँ पढ़ी थी और बहुत बार सेक्स भी किया था. फिर अचानक उसने पूछा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? में थोड़ा शरमाया. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया नहीं होगा इसलिए तुम क्या जानो इसकी प्यास को और मेरे पति हमेशा दारू पीने के लिए बाहर जाते है और फिर वो थोड़ी उदास हो गयी? और मेरे बहुत करीब बैठी रही. फिर उसने एक बूब्स को वापस आधा बाहर निकालकर मेरे मुहं में डाला तो में उसके मस्त मस्त निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और इन सब कामों से मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

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फिर उसकी नज़र उस पर पड़ी और वो मुझे पटाने लगी और बोली कि प्रवीण सेक्स में कोई रिश्ता नहीं होता है. एक लंड और चूत के बीच में कोई रिश्ते नहीं होते भाई, बहन, माँ और अब वो धीरे धीरे मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, मेरा उधर ध्यान ही नहीं था और उस समय मैंने जीन्स पहनी हुई थी. फिर वो कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और मेरा पूरा ध्यान बूब्स पर था. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम हमेशा इस बूब्स से मुझे दूध पिलाओगी क्या? और वो मुस्कुराकर बोली कि में बारी बारी से बूब्स को बदल देती हूँ.

फिर उसने मेरे लंड पर धीरे से मारा और कहा कि सचमुच तुम बड़े ही बदमाश हो. फिर उसने मुझे बोला कि चलो आओ इधर का थोड़ा दूध तुम पी लो तुम्हारी भी भूख दूर हो जाएगी और में जल्दी से उसके पास गया तो उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोले और पहले बूब्स को अंदर कर दूसरे बूब्स को बाहर निकाला और मेरे सर को पकड़कर मेरे मुहं में अपने निप्पल को डाल दिया, में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसका दूध पीने लगा, उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा तो वो बोली कि थोड़ा धीरे धीरे पीना में कहाँ भागी नहीं जा रही हूँ?

 

दो तीन मिनट बूब्स पीने के बाद वो बोली कि थोड़ा बाद में पीने के लिए रखती हूँ और इसे वापस पिला दूँगी. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हो गया तो वो बोली कि प्रवीण नाराज़ मत होना, मेरी प्यास बुझाते बुझाते में यह दूध तुम्हें पीने के लिए दूँगी और फिर में खुश हो गया और मेरी मुस्कुराहट को देखकर वो भी अब खुश हो गई, उसने मुझे बुलाया और तब उसने गाऊन ही पहना हुआ था और उसने गाऊन पर बूब्स के वहां पर एक चैन लगाई हुई थी ताकि वो बच्चे को दूध पिला सके. फिर उसने मुझे पास सोने को कहा और अपने एक बूब्स का निप्पल मेरे मुहं में डाल दिया और में वापस चूसने लगा. मुझे अभी तक पूरे के पूरे बूब्स नहीं दिखाए दे रहे थे और में उसका बहुत सारा दूध पी चुका था.

फिर उसने मुझे पूछा कि कैसा लग रहा है मेरा दूध? फिर मैंने कहा कि में दूध को पीने के लिए मना करता वो भैस और गाय का, लेकिन जब मैंने यह दूध पिया तो मुझे दूध पीने में मज़ा आने लगा है, क्या मस्त स्वाद है इस दूध का? वो मुस्कुराकर बोली और चाहिए क्या? फिर मैंने कहा कि हाँ फिर वो दूसरे बूब्स को बाहर निकालने वाली थी, तब मैंने कहा कि जानू मुझे तुम्हारे पूरे बूब्स को देखना है. फिर वो मुझे बोली कि ठीक है प्रवीण तुम बहुत ही बदमाश हो. फिर उसने अपना गाऊन निकाला और तब उसने पेंटी के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था, उसने मुझे भी अपने कपड़े निकालने के लिए कहा. फिर उसने ही मेरी पेंट निकाली और टी-शर्ट भी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसके बूब्स तो बिल्कुल मलिका के जैसे थे, उसकी निप्पल क्या मस्त दिख रही थी और वो ऊपर से नीचे पूरी गोरी बहुत सुंदर थी बिल्कुल मधुबाला जैसी, उसको देखकर हर एक का मन चोदने को करेगा.

 

फिर उसने कहा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? क्या तुम्हे में पसंद नहीं आई? फिर मैंने उससे कहा कि तुम तो मधुबाला जैसे दिखती हो तो वो मुस्कुराई और मुझसे दूध पीने को कहा. में अब बहुत गरम हो चुका था और मेरा लंड 7.5 इंच का था, वो अब 9.5 इंच का हो गया था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसना शुरू किया और उस समय उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी, उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और फिर में जल्दी ही झड़ गया और मैंने मेरा वीर्य उसके हाथ पर डाल दिया और वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि प्रवीण आज से तुम मेरे पास ही सोना, जब तक मेरे पति नहीं आ आते.

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फिर में उससे लिपट गया और किस करने लगा. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है गधे के लंड के बराबर ही है. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हुआ और फिर वो बोली कि उदास होने की ज़रूरत नहीं है. फिर उसने मेरा लंड उपने हाथों में ले लिया और नीचे अपने घुटनो पर बैठ गई और मुझे बेड पर बैठा दिया. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड का स्वाद बहुत ही मीठा है और में मुस्कुराने लगा.

फिर एक मिनट बाद वो ज़ोर ज़ोर चूसने लगी तो मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द होता है थोड़ा धीरे धीरे करो. फिर वो बोली कि प्रवीण कुछ सीखने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है और फिर करीब चार पांच मिनट चूसने के बाद में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया. फिर मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कहा कि उसमें सॉरी कहने की ज़रूरत नहीं है और यह रस पीने के लिए तो में कब से राह देख रही थी, लेकिन मेरे पति तो कमजोर शरीर के कारण मुश्किल से एक दो बार में ही झड़ जाते थे तो मुझे रस पीने को नहीं मिलता था, इसलिए में कल अपनी चूत में अपने उंगली डालकर खुद को चोद रही थी और उंगली चाट रही थी और आज तुमने रस पिलाकर मेरी एक इच्छा पूरी की है.

फिर उसने अपना गाऊन बाहर निकाला और वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी, क्या मस्त फिगर था उसका, मस्त गोरी गोरी जांघे थी और चूत के ऊपर उसने मस्त डिज़ाईन में बाल साफ किए थे और उसकी बहुत मस्त चूत थी. फिर उसने कहा कि प्रवीण अब तुम मेरी चूत को चाटना और मेरी दूसरी इच्छा को पूरा करना और उसने मेरे सर को अपनी चूत से लगाया. मैंने अब उसकी चूत को चूसना, चाटना शुरू किया और वो ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह आईईईई. फिर में डर गया और पीछे हट गया, तभी उसने कहा कि डरो मत प्रवीण मुझे मज़ा आ रहा है.

 

फिर में और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसकी चूत की गरमी और खुशबू मुझे और जोश में लाने लगी. मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह डार्लिंग तुम बहुत मस्त चूसते हो, हाँ और ज़ोर से मेरे पति को यह पसंद ही नहीं था, लेकिन तूने मुझे बहुत खुश कर दिया है और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्रवीण तुम बहुत अच्छे हो. फिर कुछ देर चूसने के बाद उसकी चूत भी झड़ चुकी थी और में उसकी चूत का पानी पी गया और चाट चाटकर मैंने पूरी चूत को साफ कर दिया और थोड़ी देर फिर हम दोनों चूमने लगे, उसके होंठ बहुत रसीले थे. फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के पास लिया और अब उसे अपनी चूत में डालने को कहा. फिर में धीरे धीरे मेरे लंड को उसकी चूत में डालने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, लेकिन अभी तक मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था.

फिर उसने कहा कि प्रवीण और ज़ोर लगाओ और चोद डालो अपनी इस गर्लफ्रेंड को और मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया और अब मेरा लंड चूत के अंदर आधा चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी, उसकी चूत से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा. फिर मैंने डर के मारे लंड को बाहर निकाला. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? खून को देखकर वो बोली कि बहुत दिनों के बाद चुदने के बाद ऐसा ही होता है, प्रवीण तुम मत डरो, में हूँ डार्लिंग, प्लीज़ चोदो मुझे और अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू किया, दो तीन मिनट बाद मेरा पूरा लंड अंदर चला गया.

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दोस्तों उसकी चूत मुझे अच्छी लगने लगी, एक घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझसे बहुत खुश हो गई और मुझे चूमने लगी, में थक चुका था, क्योंकि यह मेरा लंबे टाईम चलने वाला सेक्स था. तब उसने मुझसे कहा कि क्यों प्रवीण इतने में ही खुश हो गया? और चोदो अपनी डार्लिंग को मेरे पति जैसा कमजोर मत बनो. फिर उसके कुछ देर बाद में एक बार फिर में जोश में आ गया और उसको चोदने लगा, इस बार मेरी स्पीड बहुत ज्यादा थी और मैंने ज्यादा समय तक चोदा लगभग एक घंटे तक. मेरी डार्लिंग मुझसे बहुत खुश हो गई और इस बार वो जल्दी झड़ गई थी और थोड़ी देर बाद में भी. मैंने मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और जिससे उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और थोड़ा वीर्य बाहर भी आ चुका था.

 

मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे पूरी तरह से साफ कर दिया. फिर उसने मेरी तरफ पीठ करके अब अपनी गांड में लंड को घुसाने को कहा. सबसे पहले मैंने उसकी गांड अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. फिर अपनी उँगलियों को डालने लगा, उसकी गांड बहुत टाईट थी, शायद उसके पति ने उसकी गांड कभी नहीं मारी थी और इस बार वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्रवीण मेरी गांड की प्यास बुझा डाल, तीन चार मिनट उंगलियों को अंदर बाहर करने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया और एक ज़ोर से धक्का दिया और मेरा आधा लंड अंदर चला गया, मेरी रानी बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और फिर मैंने दूसरे धक्के में ही मेरे लंड को बहुत अंदर डाला तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

फिर में धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, आधे घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और इस तरह मैंने उसकी उस रात में तीन बार गांड मारी और पांच बार चुदाई की. अब में बहुत थक गया था तो में हिल भी नहीं पा रहा था, मेरा पूरा बदन कांप रहा था और में अपने कमरे में जा नहीं सकता था, इसलिए उसने खुद मेरे कमरे में ले जाकर अपना दूध मुझे पिलाकर सुलाने लगी और हम दोनों उधर ही सो गए, हम दोनों नंगे ही सो रहे थे. फिर उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, तुम बहुत अच्छे हो और तुमने आज मेरी सभी इच्छा पूरी की है.

 

दोस्तों में बहुत थक चुका था तो उसने मुझसे अपने बूब्स को थोड़ी देर चूसने को कहा और वापस में उसका दूध पीने लगा, वो मुस्कुराई और बोली कि अब हम हर रोज ऐसे करते रहेंगे और अब में उसको हर रोज चोदने लगा था, लेकिन में उसकी वो बात कभी नहीं भूला जो उसने मुझसे कही थी कि सेक्स सिर्फ़ चूत और लंड का रिश्ता होता है उसमें कोई रिश्ते नहीं होते है. फिर एक दो महीने बाद ही वो मेरे घर पर आ गई थी, तब वो मुझे खींचकर एक अलग कमरे में लेकर गई जहाँ पर कोई भी नहीं था और मेरे होंठो को और गालों को चूमा. फिर मेरे कान में बोली कि तुम हमारे बच्चे के बाप बनने वाले हो. फिर वो बोली कि प्रवीण डरो मत यह बात में किसी से नहीं कहूँगी, क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ प्रवीण. दोस्तों तब में 23 साल में ही बाप बन चुका था. फिर मैंने उसको चूम लिया और बोला कि तुम मेरी सबसे अच्छी गर्लफ्रेंड हो और फिर हम दोनों मुस्कुराते रहें.

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