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Bus mei mili apne bed me chudi – बस में मिली अपने बेड में चुदी

Bus mei mili apne bed me chudi – बस में मिली अपने बेड में चुदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में आज आप सभी को अपनी एक बिल्कुल अनोखी चुदाई की घटना सुनाने जा रहा हूँ यह मेरे साथ बस में मिली एक लड़की से हुई अचानक बात और उससे हुई मेरी थोड़ी सी जान पहचान का नतीजा है जो चुदाई करने पर जाकर खत्म हुई. मैंने उसको बहुत जमकर चोदा. वैसे मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और में सेक्सी कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े करता हूँ और आज यह मेरा पहला सेक्स अनुभव मेरी पहली चुदाई की सच्ची घटना है.

अब में सबसे पहले अपने बारे में थोड़ा कुछ बता देता हूँ. मेरी हाईट 6 फिट से थोड़ी सी ज़्यादा है मेरा रंग अच्छा है और बाकी की जानकारी बाद में ले लेना क्योंकि अब में उस लड़की के बारे में भी थोड़ा बहुत आप सभी को बता देता हूँ. दोस्तों उसका नाम भाग्यश्री था और उसकी हाईट थोड़ी कम थी करीब 5.2 फिट, उसका रंग भी बिल्कुल ठीक था और वो दिखने में भी एकदम सही थी, उसका बदन थोड़ा पतला, लेकिन उसकी गांड बूब्स का आकार एकदम सही था.

दोस्तों यह बात तब की है जब में सर्दियो की कुछ दिनों की छुट्टियां काटकर वापस जयपुर जा रहा था, मेरा घर हरियाणा में है और में जयपुर में रहकर एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ. में सुबह जल्दी उठकर सीधा जयपुर जाने वाली बस में बैठ गया और रेवाड़ी तक सब कुछ एकदम ठीक था. अब में अपने इयरफोन कान में लगाकर बहुत आराम से बैठा हुआ था. रेवाड़ी आने के बाद मेरे पास बैठा हुआ एक बुजुर्ग आदमी उतर गया शायद उसको वहीं पर उतरना था और बस उसके उतरते ही तुरंत चल पड़ी और अब उसके चले जाने की वजह से मेरे पास वाली सीट एकदम खाली थी. तो में भी बहुत आराम से बैठ गया क्योंकि मुझे बहुत दूर जाना था.
Bus mei mili apne bed me chudi - बस में मिली अपने बेड में चुदी
Bus mei mili apne bed me chudi – बस में मिली अपने बेड में चुदी


फिर रेवाड़ी से बस कुछ किलोमीटर की दूरी पर निकली ही थी तभी एक गाँव से एक सुंदर लड़की बस में चढ़ी, लेकिन उस समय मेरा पूरा ध्यान अपने मोबाईल फोन पर था इसलिए मैंने देखा नहीं कि बस में कौन चढ़ा है, लेकिन उसने इतना जबरदस्त पर्फ्यूम लगा रखा था कि बस में आगे तक वाले पूरे हिस्से में उसकी खुश्बू आ गई. अब मैंने ऊपर की तरफ देखा तो एक लड़की मेरे सामने खड़ी थी मेरे पीछे भी कई सीट्स खाली पड़ी हुई थी, लेकिन उसने मुझसे कहा कि आप थोड़ा उधर हो जाओ में भी बैठ जाउंगी.

अब मैंने उधर ना सरककर उसे थोड़ी जगह देकर मैंने खिड़की की तरफ बैठा दिया और में वापस अपने फोन में लग गया. थोड़ी देर बाद मैंने सोचा कि में इससे बात करके तो देख लूँ शायद मेरा कुछ काम हो ही जाए इसलिए मैंने उससे पूछा कि आप कहाँ जाएँगी और आप कहाँ से आई है? मेरी उससे दो तीन बातें पूछने के बाद तो वो खुद ही शुरू हो गई, वो मुझसे कहती कि ऐसा है वैसा है और में भी उसकी हर एक बात पर अपना सर हिलाता रहा. अब थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा कि क्या आप फोन चलाती हो? तो उसने कहा कि हाँ चलाती हूँ, लेकिन ज़्यादा नहीं और उसने मुझे बताया कि में व्हाटसप ज़्यादा चलाती हूँ और फिर उसने कुछ देर बाद खुद ही मुझे अपना मोबाईल नंबर बता दिया. अब में दोबारा इयरफोन लगाकर गाने सुनने लगा और वो किसी से चेटिंग में लग गई और फिर मैंने उसे एक मैसेज किया.

में : क्या व्हाटसप में ही लगी रहोगी?

वो : और फिर क्या करूं?

में : में अकेला बैठा हुआ बोर हो रहा हूँ मुझसे बात कर लो.


अब उसने मेरा मैसेज पढ़कर तुरंत घूमकर मेरी तरफ देखा तो में मुस्कुराने लगा वो भी मुझे स्माइल देने लगी और उसने फिर अपना फोन एक तरफ रख दिया और हम दोनों हंस हंसकर यहाँ वहाँ की बातें करने लगे और तब मुझे पता चला कि वो जयपुर में एक किराए का कमरा लेकर एक कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी. फिर कुछ देर चलने के बाद बस एक होटल पर जाकर रुकी तो हम दोनों ने एक साथ में बैठकर खाना खाया. फिर थोड़ा बहुत रुककर फिर से बस चल पड़ी और हम अपनी सीट पर जाकर बैठ गए.

अब मैंने इयरफोन लगाया और उसकी एक लीड को उसके कान में लगा दिया और मैंने उस समय अपना फोन एक हाथ में पकड़ा हुआ था जिसकी वजह से मुझे उसका चेहरा फोन की स्क्रीन में दिख रहा था और उसने भी मुझे खुद को मोबाईल में देखते हुए देख लिया था, लेकिन कुछ ना कहा बस स्माइल करने लगी. फिर हम दोनों मोबाईल पर वीडियो देखने लग गये. थोड़ी देर फोन मैंने पकड़ा तो मेरे हाथ में पसीना आ गया तो मैंने फोन उसे पकड़ा दिया और उसने फोन को थोड़ा टेढ़ा पकड़ा हुआ था इसलिए मैंने अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़कर थोड़ा सीधा किया और फिर मैंने अपना हाथ हटाया ही नहीं.

अब थोड़ी देर में उसने मोबाईल को अपने बेग पर रखकर तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया. मैंने उसकी तरफ घूमकर देखा तो उसकी आँखो में कुछ अलग सा था और वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी. फिर में जयपुर बस स्टेंड आने से पहले ही उतर गया क्योंकि मुझे वहीं पर उतरना था और वो उसी बस के साथ बस स्टेंड चली गई में अपने रूम पर आ गया और उसके बारे में सोचने लगा. उसी रात को उसका मेरे पास एक मैसेज आया कि मुझसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और उसने मुझे अगले दिन मिलने के लिए बुलाया.

दोस्तों दूसरे दिन रविवार का दिन था और मेरे ऑफिस की उस दिन छुट्टी थी मुझे कहीं नहीं जाना था तो मैंने उससे मिलने जाने के लिए तुरंत हाँ कह दिया उसने मुझे फिल्म देखने चलने के लिए बुलाया था और में 9 बजे ही उसके बताये हुए पते पर पहुँच गया, वो वहां पर मुझे लेने आई और में उसके साथ चला गया. वो मुझे सबसे पहले अपने रूम पर ले गई और मुझे अब थोड़ा डर लग रहा था क्योंकि में इससे पहले कभी ऐसे किसी लकड़ी के साथ कहीं नहीं गया था. मैंने देखा कि उसके रूम पर उस समय कोई भी नहीं था और उसका मकान मलिक भी उस दिन कहीं बाहर गया हुआ था. तो में उसके बेड पर जाकर बैठ गया. उसने मुझे पानी लाकर पिलाया फिर वो मुझसे बोली कि आप अपने जूते उतारकर आराम से बैठ जाओ और फिर मैंने अपने जूते उतार दिए और बहुत आराम से रज़ाई में पैर डालकर बैठ गया.

वो दो मिनट के बाद आई और मेरे पास ही उसी रज़ाई में बैठ गई. फिर थोड़ी देर हमने इधर उधर की बातें की फिर जैसे ही मैंने उसकी तरफ मुस्कुराकर देखा तो उसने अचानक से मुझे मेरे होंठो पर एक किस कर दिया जिसकी वजह से मुझे उसके जोश में आने का पता चल गया. तो उससे दो मिनट बात करने के बाद मैंने भी थोड़ी हिम्मत करते हुए उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया. दोस्तों वो तो जैसे बिल्कुल तैयार ही बैठी हुई थी, उसने तुरंत अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और मैंने भी ज़ोर से किसिंग चालू कर दी. हमे ऐसा करते हुए अभी सिर्फ दो मिनट ही हुए थे कि मेरा हाथ धीरे धीरे नीचे जाने लगा और मैंने जोश में आकर उसकी स्वेटर के ऊपर से ही उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू कर दिया.

फिर मैंने उसे अपने से थोड़ा दूर किया और उससे वो स्वेटर उतारने को कहा उसने तुरंत वो स्वेटर निकाल दिया और मैंने भी अपनी जेकेट को उतार दिया. अब वो मेरे पास में आकर लेट गई और उसने मुझे किस करना चालू कर दिया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी टी-शर्ट को कंधे से नीचे सरका दिया और उसके एक बूब्स के ऊपरी हिस्से पर किस कर दिया. अब मैंने उसकी टी-शर्ट को पूरा नीचे उतार दिया और फिर मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आ गया.

मैंने अपने ऊपर उस रज़ाई को डाल लिया और मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स को दबा लिया. उसके बूब्स का साईज़ इतना ही था कि मेरे हाथ में बहुत अच्छे से आ रहे थे, ना ज्यादा बड़े और ना ज्यादा छोटे, लेकिन उन्हें दबाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और शायद उसको भी अच्छा लगने लगा था. अब मैंने उसकी ब्रा को भी उतारकर अलग दूर फेंक दिया और फिर उसने भी मेरे ऊपर आकर मेरी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और मुझे किस करने लगी ऊपर से नीचे तक वो मुझे लगातार चाटने लगी. हम दोनों उस समय पूरे जोश में थे, करीब पांच मिनट के बाद किसी ने दरवाजा बजाया उसकी वजह से हम दोनों की गांड फटने लगी. मैंने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए और अपने ऊपर दोबारा उस रज़ाई को पूरा डाल लिया.

फिर उसने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर टिफिन वाला खाना देने आया हुआ था. उसने अपना खाना लेकर तुरंत दरवाजा बंद किया और फिर से वो मेरे पास में आकर लेट गई. उसने दोबारा किसिंग करना शुरू कर दिया था और अब मैंने उसकी पेंट के हुक की तरफ अपना एक हाथ आगे बढ़ाया तो उसने मुझसे कहा कि नहीं प्लीज वहाँ नहीं, ऊपर चाहो तुम कुछ भी करो, लेकिन नीचे कुछ नहीं. अब मैंने झट से उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी पेंट के ऊपर से अपना तनकर खड़ा लंड पकड़ा दिया, वो उसकी गर्मी, मोटाई, लम्बाई को महसूस करके धीरे धीरे जोश में आकर गरम होने लगी. फिर मैंने उसकी पेंट को भी उतार दिया, लेकिन उसने दोबारा मुझसे कुछ भी नहीं कहा और मैंने तुरंत अपनी पेंट को भी उतार दिया और अपना लंड बाहर निकालकर उसके हाथ में पकड़ा दिया.

मैंने जब उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मुझे पता चला कि वो पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी. मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली को चूत के अंदर डाल दिया उसने अपने किस करने का दबाव बढ़ा दिया था और वो अब ज़ोर ज़ोर से मुझे किस करने लगी थी. मैंने फिर अपनी दो उंगली को अंदर डालकर फिंगरिंग चालू कर दी जिसकी वजह से अब उसकी तड़प और भी बढ़ने लगी थी. अब उसके अंदर और मेरे अंदर आग बराबर की लगने लगी थी. उसकी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ चालू हो गयी और फिर मैंने उसे नीचे लेटाया और मैंने उसके ऊपर आकर उसकी गीली चूत पर में अपना लंड रगड़ने लगा.

वो इतनी गरम हो गई थी कि उसने खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के मुहं पर लगाकर मेरे कूल्हों को दबाने लगी और मैंने भी अब बिना देर करते हुए अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगा. जैसे जैसे मेरा लंड चूत में जाता वैसे वसे उसकी मेरे कूल्हों पर पकड़ और भी मजबूत होती जाती. वो दर्द की वजह से अपने नाख़ून मेरे शरीर पर गड़ाने लगी थी, लेकिन अब मैंने महसूस किया कि वो पहले भी चुद चुकी थी इसलिए उसे दर्द थोड़ा कम हुआ. अब मैंने अपने लंड को लगातार तेज स्पीड में अंदर बाहर करना चालू कर दिया और उसने मेरे होंठो पर किस करते हुए मेरे होंठो को बंद कर लिया.

दोस्तों करीब दस मिनट तक ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने के बाद मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से खींचकर बाहर निकाल लिया वो हाँफ रही थी और उसकी साँसे बढ़ी हुई थी उसका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर बिल्कुल सीधा खड़ा करके मैंने उसे उस पर बैठा दिया और वो ऐसे ही मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और वो अब अपनी गांड को लगातार ऊपर नीचे करने लगी. उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे उठाया और उसको अपनी साइड में लेटा दिया. मैंने महसूस किया कि वो अभी भी बहुत गरम थी और अब में उसके पैरों में बैठ गया और मैंने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रखकर लंड को दोबारा चूत में अंदर सरकाकर मैंने एक बार फिर से उसकी चुदाई को चालू कर दिया. अब वो बहुत धीमी धीमी आवाज में सिसकियाँ भरने लगी थी उसकी सिसकियों की आवाज और मेरे धक्को की आजाव पूरे कमरे में गूंज रही, लेकिन अब थोड़ी देर बाद में झड़ने वाला था तो मैंने जल्दी से अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया और फिर लंड को चूत से बाहर निकालकर अपना सारा वीर्य उसके पेट और बूब्स पर निकाल दिया और फिर में साईड में लेट गया और वो मेरे ऊपर अपना एक पैर रखकर मुझे हल्के हल्के किस करने लगी. थोड़ी देर तक हमारे बीच ऐसे ही किसिंग और बूब्स दबाना, चूसना चालू रहा और फिर उसकी एक दोस्त का कॉल आ गया जो उसको बुला रही थी. फिर हमने उठकर कपड़े पहन लिए और उसके बाद हम रूम से बाहर निकल गये, लेकिन दोस्तों उसके बाद दोबारा हम कभी नहीं मिले.

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