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Bhatije ki biwi meri ho gai – भतीजे की बीवी मेरी हो गई

Bhatije ki biwi meri ho gai – भतीजे की बीवी मेरी हो गई

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. यह कहानी इसी साल की है जब में अपने घर गया था तो मैंने दिल्ली से ही दारू की 3 बोतल ले ली थी क्योंकि वहाँ दारू महँगी भी थी और उसका टेस्ट भी अच्छा नहीं लगता था जो दारू पीते है वो समझ जायेंगे दिल्ली और उत्तरप्रदेश की दारू में फर्क है. फिर मैंने न्यू दिल्ली रेल्वे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और रात को 9 बजे अपने गावं पहुँच गया, फिर में वहाँ से ऑटो करके मौसी के घर पहुंचा. वहाँ मेरी मौसी, भतीजा और उसकी बीवी रहते थे.

अब वहाँ पहुँच कर मैंने अपना सामान बाहर एक कमरा बना था जहाँ में हमेशा रुकता था वहाँ रखा और भतीजे के साथ दारू पी, खाना खाया और सो गया. अब सुबह मेरा भतीजा जॉब पर जल्दी चला जाता था और में लेट उठा तो जैसे ही मेरी आँख खुली तो बहु पोछा लगा रही थी. अब मेरी नज़र सीधा उसके बूब्स पर पड़ी तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, क्या गोरे-गोरे और बड़े-बड़े बूब्स थे? अब मेरा लंड उसी समय खड़ा हो गया और अब उसने भी मुझे उसके बूब्स को देखते हुए देख लिया था. फिर वो चली गयी और अब मैंने नहाकर नाश्ता किया और फिर बाहर वाले कमरे में आ गया. फिर 1 बजे करीब वो मेरे कमरे में पूछने आई कि आप लंच में क्या खायेंगे? तो मैंने कहा कि जो मर्ज़ी हो बना लो. फिर उसने लंच बनाया तो फिर में लंच करने गया, वो रोटी बनाकर दे रही थी तब मैंने उसकी गांड देखी, क्या गांड थी? मेक्सी में साफ चमक रही थी, फिर ऐसे ही वो दिन निकल गया.

फिर अगले दिन फिर सुबह वो पोछा लगाने आई, जब में जाग चुका था. फिर वो झुकी और फिर मुझे दर्शन हो गये, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. उसने इस बार भी मुझे देख लिया था, फिर मैंने नहाकर नाश्ता किया और अपने कमरे में आ गया. अब में लेटकर उसके बारे में सोच रहा था और लंड हिला रहा था तो मुझे याद आया कि वो आज भी पूछने आयेगी कि क्या लंच करोगे? फिर 1 बजे करीब में खड़ा होकर मुठ मारने लगा और उसका इंतज़ार करने लगा. फिर वो आई तो उसने दरवाज़ा खोला तो सामने में अपना लंड हाथ में लिए खड़ा था तो वो देखकर दंग रह गयी और वहीं खड़ी रही. अब में ऐसे ही उसके पास गया और बोलने लगा कि प्लीज किसी को मत बताना, यह बात मौसी को मत बोलना तो वो कहने लगी कि नहीं बोलूँगी. उस समय में उसके बिल्कुल पास खड़ा था, ऊपर टी-शर्ट थी, लेकिन नीचे कुछ नहीं था और मैंने उसके हाथ पकड़े हुए थे. फिर वो चली गयी, अब मुझे लगा कि वो सबको बता देगी, लेकिन उसने यह बात किसी से भी नहीं बोली.

फिर अगले दिन फिर वो सुबह आई तो में उसके बूब्स देख रहा था और मेरा एक हाथ मेरे कच्चे में था. तो वो जानबूझ कर और दिखाने लगी, फिर बोली क्या चाची आपको देती नहीं है क्या? तो मैंने कहा नहीं वो अभी उसका ईलाज चल रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि तुम एक बार मुझे अपने बूब्स दिखा दो तो में अपने आपको शांत कर लूँगा. फिर वो कहने लगी कि रोज़ तो देखते हो शांति नहीं मिलती क्या? फिर उसी समय में बेड से उठा और उसके पास जाकर उसे उठाकर गले लगाने लगा. तो वो कहने लगी कि चाचा जी यह ठीक नहीं है और जैसे ही उसने बोला कि कोई आ जायेगा, बस फिर क्या था? में उसके होंठो को मेरे होंठो में लेकर चूसने लगा, फिर थोड़ी देर तक वो छटपटाई, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी.

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फिर मैंने उसकी मेक्सी ऊपर की और उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. अब वो कहने लगी कि आअहह चाचा जी जान निकालोगे क्या? तो मैंने कहा कि हाँ में बहुत दिनों से भूखा हूँ और आज तो तेरी जान ही निकालूँगा. फिर में धीरे-धीरे उसके पेट, नाभि, उसकी जांघे चूमता हुआ उसकी चूत पर पहुँचा, तो अब वो मछली की तरह छटपटा रही थी. फिर मैंने अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया और अब वो तो जैसे पागल ही हो गयी. फिर में उठा और जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, अब वो 10 मिनट में कई बार झड़ गयी थी. फिर वो जल्दी से उठी और मेक्सी पहनकर बाहर भाग गयी. में भूखा ही रह गया, क्योंकि मेरा नहीं झड़ा नहीं था. फिर मैंने उसको पकड़ा तो उसने कहा कि कोई आ जाता इसलिए में बाद में टाईम निकाल कर आऊँगी. फिर ऐसे ही करते-करते 2 दिन निकल गये, अब वो आती और कभी हाथ से हिला जाती तो कभी बूब्स दिखाकर बोलती कि आप हिला लो.

फिर अचानक से मौसी को मामा के यहाँ दो दिन के लिए जाना पड़ा. फिर उसी रात मैंने भतीजे को अपने साथ दारू पिला दी और अपने छोटे पैग बनाये और उसके बड़े पैग बनाये, वो ज़्यादा नहीं पीता था तो उसे नशा चढ़ गया और मेरे कमरे में ही सो गया. फिर मैंने उसे रात को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठा. फिर में उठा और जहाँ उसकी बीवी सोती थी वहाँ जाकर उसकी बीवी के साथ लेट गया और चुम्मा चाटी करने लगा. फिर वो उठी और डर गयी, वो कहने लगी कि वो आ जायेंगे तो मैंने उसे बताया कि वो नशे में सो रहा है, नहीं उठेगा.

फिर वो टायलेट करने के बहाने उसे चैक करने गयी और वापस आकर मेरे साथ लेट गयी. अब में उसे ऊपर से चूमने लगा, फिर में धीरे-धीरे नीचे जाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा. फिर अपना लंड उसके मुँह पर रगड़ने लगा. अब वो इतने मज़े में आ गयी कि वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर में उठा और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा तो वो कहने लगी कि प्लीज अब डाल दो और इंतज़ार ना करवाओ. फिर मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो चिल्ला पड़ी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी.

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फिर मैंने उससे कहा कि ऐसे चिल्ला रही है जैसे पहली बार चुद रही हो, तब उसने बताया कि उसके पति का लंड छोटा है और मेरा बहुत बड़ा है इसलिए उसकी चूत पूरी खुली हुई नहीं थी. अब में धीरे-धीरे उसे चोदने लगा और अब वो भी मज़े लेने लगी थी. अब वो मुझे बाहों में जकड़ कर कहने लगी कि ऐसे ही चोदते रहो और अपना लंड अंदर ही रहने दो, बाहर मत निकालो, बहुत मज़ा आ रहा है. अब वो झड़ गयी थी और कहनी लगी कि उसका पति तो अब तक झड़कर भी सो जाता. अब हमें 45 मिनट हो चुके थे और दारू के नशे में मेरा भी लेट हो रहा था, तभी में भी उसके साथ झड़ने लगा. तो वो कहने लगी कि अंदर ही झाड़ दो, बाहर मत निकालो. फिर कुछ देर बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और हम कपड़े पहनकर सो गये.

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