हेमा का हनीमून Hot Kamukta Story
कुछ दिनों तक सौरव गुमसुम तथा उदास रहा। फिर उसने हेमा का ख़्याल दिल से निकाल दिया, लेकिन हेमा उसके मस्तिष्क पटल पर स्थाई रूप से अंकित हो चुकी थी। वह चाहकर भी उसे भूल नहीं सका।
उधर हेमा का भी यही हाल था। हेमा ने सौरव को भुलाने की लाख कोशिश की, लेकिन वह उसे भुला न सकी।
हेमा तथा सौरव दोनों ने एक ही काॅलेज से शिक्षा प्राप्त की थी। एम.बी.बी.एस. करने के बाद सौरव डाॅक्टर बन गया। हेमा इंजीनियर बनना चाहती थी। यही उसका सपना था।
दोनों परिवार पास-पास में ही स्थित थे, अतः दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था। उनके घर वाले भी हेमा तथा सौरव की जोड़ी को पसंद करते थे। वे भी चाह रहे थे कि हेमा व सौरव की शादी हो जाये, लेकिन सारी अड़चन हेमा की तरफ से ही आ रही थी। फिर सौरव ने जिद्द नहीं की। उसने हेमा के फैसले को बदलने की भी कोई पहल नहीं की।
वक्त गुजरता रहा…….
एक दिन जाने हेमा के दिल में क्या आई कि वह सौरव से मिलने पहुंच गयी। उस समय सौरव क्लीनिक में था तथा एक मरीज को देख रहा था। हेमा ने देखा कि सौरव पेशेंट देखते हुए जरा भी विचलित नहीं हुआ था।
दरअसल उस पेशेंट को टी.बी. हो गया था। सौरव की लगन तथा उसका काॅन्फीडेंस देखकर हेमा कुछ सोचने लगी। उस दिन से उसका सौरव के प्रति लगाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया।
धीरे-धीरे हेमा, सौरव के काफी करीब आ गयी और एक दिन सौरव के धैर्य तथा विश्वास ने हेमा का दिल जीत लिया। हेमा उससे शादी करने के लिए राजी हो गयी। दोनों की धूमधाम से शादी हो गयी।
चूंकि सौरव का विश्वास तथा धैर्य ही था, कि जिसने हेमा को उसकी तरफ खींचा था, इसलिए सौरव अपना हनीमून घर से बाहर किसी अच्छे होटल में ही मनाना चाहता था। उसने हेमा को तैयार कर लिया। फिर एक दिन दम्पत्ति हनीमून के लिए प्रस्थान कर गए।
होटल में कमरा बुक कराकर हेमा तथा सौरव घूमने चले गये। दोनों कश्मीर में रूके थे। दिनभर पहाड़ी वादियों तथा झील की सैर करने के बाद वे होटल में आए, तो उनके दिल में उंमगों व उत्साह का सैलाब उमड़ रहा था।
भविष्य की कई योजनाएं धड़कते दिलों में मचल रही थी। उन धड़कते दिलों मंे मिलन की प्यास भी मचल रही थी। यह एक ऐसा लम्हा था, जो अत्यंत रमणीक व महत्वपूर्ण होता है।
हनीमून लफ्ज़ ही पूरे वातावरण को रोमांटिक बना देता है, एक अजीब-सी खुशबू सिमट आती है, होठों पर अनायास ही मादकता तैर जाती हैै, आखों की ज्योति बढ़ जाती है और होंठ खुद-ब-खुद गीत गुनगुनाने लगते हैं….आ जा सनम….
सौरव व हेमा कितने खुश थे। युवा जोड़ा हनीमून मनाने कश्मीर के एक पांच सितारा होटल में आया था। खुशी से उनके कदम थिरक रहे थे। मिलन की घड़ियां निकट आती जा रही थीं। दिन में इस नव विवाहित जोड़े ने खूब सैर की, तफरीह का आनंद उठाया था और शाम ढले होटल के कमरे में आ गया था।
इस नव-विवाहित जोड़े को शुरू में कमरा नं0 40 दिया गया था, लेकिन बाद में होटल स्टाफ ने उन्हें 10 नं0 कमरा ठहरने के लिए दे दिया। नव-विवाहित दम्पत्ति को बताया गया था कि यह कमरा हनीमून के दृष्टिकोण से शुभ व आरामदेह है। कितने ही युगल दम्पत्ति इस कमरें में अपना हनीमून मना चुके हैं। वे संतुष्ट व रिलैक्स महसूस करते हैं। यह कमरा काफी शुभ माना जाता है। सौरव ने अपनी दुल्हन हेमा से विचार-विमर्श किया था, उसके बाद दोनों इस कमरे में आ गये थे।
सफर की वजह से दोनों बहुत थक चुके थे, तो मैंने हेमा, सौरव की ओर देखकर बोली, ”मैं बाथरूम जाना चाहती हूँ।
”वहां तो मैं भी जाना चाहता हूं मेरी जान।“ होंठों पर कामुक तरीके से जीभ फिराता हुआ बोला सौरव, ”कहो तो साथ ही दोनों चले।“
हेमा कुछ नहीं बोली और वाशरूम का दरवाजा खुला ही रखकर अंदर प्रवेश कर गई। पीछे-पीछे सौरव भी पहुंच गया।
हेमा ने जीन्स और कुर्ता पहन रखा, तो वह जीन्स और कुर्ता बाहर ही बेडरूम में निकाल कर बाथरूम में चली गई थी।
पीछे-पीछे सौरव भी पहुंचा तो उसने भ्ज्ञी कुछ नहीं पहना हुआ था। यानी दोनांे ही पूर्ण निर्वस्त्रा बाथरूम में एक-दूसरे के आमने-सामने थे।
सौरव ने शाॅवर चलाया और हेमा को अपनी बांहों में जकड़ लिया। फिर हेमा के अंडाकार कबूतरों को भी अपने मजबूत हाथों से स्नान कराने लगा, साबून मलने लगा। मगर उससे पहले उसने जी भरकर उन्हें मौखिक दुलार दिया था। हेमा भी सौरव के कंधों पर अपना सिर झुकाये हुए थी और सौरव वो हर चीज अपने जिस्म पर करने दे रही थी, जो वह चाह रहा था।
फिर सौरव ने पास में ही रखा बाॅडी लोशन शेम्पू उठाया और हेमा के गोरे निर्वस्त्रा बदन पर मलने लगा। उसने हेमा का सारा बदन शेम्पू में कर दिया। सौरव की मसाज से हेमा अंदर ही अंदर बेतहाशा पिघल रही थी। उसका जी जा रहा था उसका पति उसे ऐसे ही छूता रहे, प्यार करता रहे। हेमा को बहुत मजा आ रहा था।
फिर मस्ती में पागल हो चुकी हेमा ने भी पास ही में रखा स्पंज पकड़ा ओर सौरव के नग्न बदन पर लगाने लगी। वो भी मस्त होने लगा। सौरव का ‘स्टूडेन्ट’ तो बाथरूम में आते ही प्यार की बेन्च पर खड़ा हो गया था।
पर जब हेमा ने उसके ‘स्टूडेन्ट’ को नहलाने के लिए फोम उस पर लगाया तो वो एकदम बेरहम कातिल की भांति सख्त ‘दिल’ हो गया।
सौरव कहने लगा, ”हेमा अब नहीं रहा जाता। तुम यहीं मुझे सुहागरात की पेशकश पेश कर दो।“
सौरव के कहते ही हेमा मुस्कराई, ”आप भी न, मुझे पता था यही होने वाला है। ये लो आ गई मैं प्यार की पाॅजिशन में।“ कहकर हेमा, बाथरूम की दीवार पकड़ कर समर्पण की मुद्रा में आ गई।
तभी सौरव बोला, ”जानेमन तैयार हो न मेरे सख्त दिल ‘स्टूडेन्ट’ से मिलने के लिए?“
”मैं न कहूंगी तो कौन-सा आप मुझे छोड़ देंगे।“ मैं समर्पण की मुद्रा में झुकी हुई बोली, ”तुम्हारे ‘स्टूडेन्ट’ के तेवर देखकर ही समझ गई थी, कि वह शैतानी करने के लिए मचले जा रहा है।“
”तो फिर ये लो मेरी जान, सुनो मेरे शैतान ‘स्टूडेन्ट’ को शोर।“ कहकर सटाक से सौरव ने अपने ‘स्टूडेन्ट’ का शोर हेमा की नाजुक ‘क्लास’ में मचवा दिया।
”उई मां…।“ तपाक से उचक कर हेमा सीधी खड़ी हो गई, ”न बाबा न… तुम्हारा ‘स्टूडेन्ट’ तो जरूरत से ज्यादा शैतान है। उससे कहो जरा आहिस्ते से शोर मचाये, मेरी क्लास में।“
”ऐसा होगा मेरी जानेमन।“ सौरव ने हेमा से कहा और हेमा पुनः समर्पण की मुद्रा में आ गई, तो फिर से एक बार सौरव ने अपने ‘स्टूडेन्ट’ को अपनी पत्नी यानी हेमा की ‘क्लास’ में पहुंचा दिया।
इस बार भी थोड़ी दर्द हुआ हेमा को मगर वह बर्दाश्त कर गई और पति को खुश करने के लिए समर्पण की मुद्रा में ही बनी रही।
पति का स्टूडेन्ट बडे़ ही शानदार तरीके से पत्नी की क्लास में शोर मचा रहा था। इस शोर एकाएक हेमा को भी आनंद आने लगा था। वह सीत्कार भरती हुई बोली, ”स..हाय.. सच में बड़े ही अनोखे तरीके से सुहागरात हो रही है हमारी। ऐसा सेक्स का अंदाज मुझे बहुत अच्छा लगा। जरा अपने ‘स्टूडेन्ट’ से कहिए कि जरा और तेज शोर मचाये, ताकि मेरी पूरी क्लास इस प्यार के शोर से गूंज उठे और पानी के बादल बरसने लगे।“
फिर वाकई बड़े ही जोशीले अंदाज में सौरव, हेमा से सुहागरात मनाने लगा। हेमा बाथरूम की दीवार को पकड़े अपनी ‘क्लास’ में पति सौरव के ‘स्टूडेन्ट’ का शोर मचवाये जा रही थी।
जहां सौरव ओह…ओह करके आगे बढ़ रहा था, वहीं हेमा उई…उई..उफ..उफ करके मस्ती में पति से प्यार हासिल कर रही थी और आनंदित हो रही थी। सौरव तो इतना दीवाना हो गया था, कि उसने साथ ही साथ शाॅवर भी चालू कर दिया था, जिससे दोनों को और भी आनंद आने लगा।
फिर सौरव ने हेमा को कहा, ”अब मेरी तरफ मुंह करके सीधी हो जाओ जानेमन।“
दोनों एक-दूसरे से चिपके शाॅवर में भीग रहे थे। बिल्कुल नया स्टाइल था दोनों का। साथ में दोनों नहा भी रहे थे और साथ ही सुहागरात की जगह शानदार तरीके से सुहागशाम मनाया जा रहा था।
करीब 5 मिनिट के बाद में हेमा तो शीतल पड़ गई, मगर सौरव का उत्साह अभी भी बाकी था। वह तो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा था..
”उई… ओह… बस.. जानू बस करो।“ हेमा हांफती हुई बोली, ”प्लीज अपने ‘स्टूडेन्ट’ से कहो कि अब और शोर न मचाये मेरी ‘क्लास’ में। मुझे अब मेरी ‘क्लास’ में थोड़ी शांति चाहिए।“
सौरव भी जान गया था, कि हेमा बहुत पहले ही तृप्त चुकी थी, अतः उसने अपने स्टूडेन्ट को रोका नहीं और वह पहले से भी ज्यादा आक्रामक तरीके से पत्नी हेमा की परेशान हो चुकी ‘क्लास’ में शोर मचाने लगा।
उसके शोर की गूंज इतनी तेज थी, कि हेमा तृप्त होने के बाद भी आनंद महसूस कर रही थी। धीरे-धीरे वह भी पुनः मिलन के लिए तैयार हो गई। फिर क्या था वह पति को रोकने की बजाये उकसाने लगी, ”यस जानू… और तेज इससे भी तेज… शोर मचाओ मेरी क्लास में। मेरी क्लास फिर से तैयार है आपके स्टूडेन्ट के लिए।“
सौरव, बड़े ही जोशीले अंदाज में हेमा के पीछे आकर सुहागरात की प्रक्रिया को अंजाम दे रहा था। साथ ही साथ ही बुरी तरह से हेमा मांसल कबूतरों को भी मसले जा रहा था।
फिर कुछ ही देर में दोनों बाथरूम संतुष्ट हो गये। जहां सौरव एक बार संतुष्ट हुआ था, वहीं हेमा, पति के बलिष्ठ से दो बार तृप्त हुई थी। दोनों ने फिर एक-दूसरे को नहलाया और खिलखिला कर हंसते भी रहे। फ्रेश होने के बाद हेमा तो बाहर निकल कर बेडरूम में आ गई, मगर सौरव का अभी और नहाने का मूड था।
वह पल उनकी जिंदगी का सबसे हसीन व यादगार बन गया था। उन्होंने एक-दूसरे पर अपने प्यार को न्यौछावर करने में कोई कसर नहीं रखी थी।
उस समय सौरव बाथरूम में ही था, जब अचानक उसकी नज़र पर्दे के पीछे थिरकते साये पर पड़ी। कमरे की खिड़की पर अजीब से अंदाज में टंगे उन सायों को देखकर सौरव के हाथ-पांव फूल गये। उसे लगा, शायद भूत-प्रेत हैं, लेकिन अगले ही क्षण उसके जेहन में ख़्याल उभरा कि कोई या कुछ लोग उन्हें वाॅच कर रहे हैं। वे लोग कौन हो सकते हैं?
यह साचते हुए उसने हिम्मत करके पर्दा उठाया, तो खिड़की के पीछे खड़े तीन लोगों को देखकर वह दंग रह गया। से सभी होटल की वर्दी में थे। उनके हाथों में कैमरे थे।
सौरव ने तुरन्त ही खतरा भांप लिया। इसमें कोई संदेह नहीं था, कि कोई या कुछ लोग उनकी अंतरंग क्षणों की तस्वीरें कैमरे में कैद कर रहे थे। उसने चिल्ला कर उन व्यक्तियों को ललकारा।
जवाब में खिड़की के पीछे खड़े व्यक्तियों ने किसी वजनी वस्तु से कांच पर प्रहार किया। खिड़की से सटकर खड़ा सौरव कांच के टूटने से घायल हो गया। उसकी छाती पर ज़ख्म उभर गए। वहां से खून बहने लगा और हमलावर भाग खड़े हुए।
लेकिन सौरव भी हार मानने वाला कहां था। घायलावस्था में भी उसने एक हमलावर को पकड़ ही लिया। शेष दो व्यक्ति भागने मंे सफल रहे। हालांकि फरार होने से पहले उन्हांेने अपने साथी को सौरव के चंगुल से बचने या मुक्त कराने की पुरजोर चेष्टा की थी। सौरव को बुरी तरह पीटा भी, लेकिन सौरव के गिरफ्त में आया व्यक्ति उसकी पकड़ से आजाद नहीं हो सका।
इस बीच सौरव की चीख-पुकार सुनकर हेमा भागी-भागी पहुंची और खून देखकर मुर्छित हो गयी। कुछ देर बाद होश आया, तो उसने होटल के रिशेप्सनिस्ट को कमरे में बुलाया। फिर वह घायल सौरव को होशो-हवास में लाने की चेष्टा करती रही।
कुछ देर इंतजार करने के बाद भी जब रिशेप्सनिस्ट वहां नहीं पहुुंचा, तब हेमा ने फोन करके पुलिस को हादसे की सूचना दे दी। सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी। सौरव के जिस्म से लहू अब भी बह रहा था। उसे आनन-फानन में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चूंकि यह मामला पुलिस की निगरानी में आ चुका था, इसलिए पुलिस ने होटल के उक्त कमरे को सील कर दिया और होटल के स्टाफ-कर्मचारियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी। फिर पुलिस ने हेमा से भी पूछताछ की। जब अस्पताल में इलाज करा रहे, सौरव को होश आया, तो उसने पुलिस को दिए बयान में कहा कि रिशेप्सनिस्ट ने आग्रह करके वह कमरा उन्हें रहने के लिए दिया था।
पुलिस ने उक्त दोनों कमरों का सूक्ष्मता पूर्वक निरीक्षण किया। उक्त दोनों कमरों में माइक सदृश्य यंत्रों के लिए खास जगह बनायी गयी थी। पुलिस को उन खिड़कियों में भी छेद मिले, जो दोनों कमरों में बिस्तर के सामने थे।
पुलिस ने पूछताछ के क्रम में हाऊस कीपर सोनम और विक्रम को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों ने प्रारम्भ में पुलिस गुमराह करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार उन्हें अपना अपराध स्वीकार करना पड़ा।
कहानी लेखक की कल्पना मात्रा पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्रा होगा।