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जीजाजी का सारा वीर्य मेरे मुँह में भर गया

में एक बार फिर से आपकी प्यारी लंड लेने की शौकिन पूजा आपके लिए एक सच्ची कहानी लेकर आई हूँ। आप सब लोग अपने-अपने लंड और अपनी-अपनी चूत को हाथ में ले ले। एक बार मेरी जीजी और मेरे जीजाजी मेरे घर आए। मेरे जीजाजी काफ़ी जवान हैंडसम और हट्टे-कट्टे है। उन्होंने इतने दिनों में मेरी जीजी की चूत और गांड दोनों फाड़ डाली है, ये मेरी जीजी ने मुझे बताया था। तब से ही मुझे भी मेरे जीजाजी से अपनी चूत फड़वाने का और उनका वीर्य पीने की बहुत इच्छा थी और ये बात मैंने मेरी जीजी को भी बताई थी तो उसने कहा था कि टाईम आने पर तेरी चूत भी उनसे चुदवाऊंगी।

फिर उस दिन मेरे पापा की तबीयत अचानक खराब हो गयी और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा, तो मम्मी उनके पास हॉस्पिटल में ही रह गयी और हम तीनों शाम को घर आ गये। फिर रात को खाना खाने के बाद थोड़ी देर तक टी.वी देखकर जीजी और जीजाजी अपने कमरे में चले गये, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मुझे मालूम था कि जीजी बड़े मज़े से अपनी चूत चुदवा रही होगी, तो मुझसे भी रहा नहीं गया और में जीजी के कमरे के पास चली गयी। जब कमरा खुला ही था और दरवाजे पर सिर्फ पर्दा लगा हुआ था। फिर मैंने थोड़ा सा पर्दा हटाया तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे होकर बैठे थे और जीजी बेड पर सोई थी और वो भी पूरी नंगी थी। अब उसकी चूत तो नहीं चुद रही थी, एक बड़ा सा होल बन गयी थी जिसको जीजाजी बड़े मज़े से चाट रहे थे और उनके हाथ जीजी के दोनों बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे।

अब ये सब देखकर मेरी चूत भी गर्म हो गयी थी और उसमें से भी बहुत जोर से पानी आने लगा था। अब मुझसे और रहा नहीं गया और में अंदर चली गयी। फिर मुझे देखते ही जीजाजी खड़े हो गये और अपनी पेंट ढूँढने लगे, लेकिन जैसे ही मेरी जीजी ने मुझे देखा तो उसने तुरंत ही मेरे जीजाजी को रोका और बोली कि अरे कोई बात नहीं, ये भी तो तुम्हारी साली है उसको भी खुश कर दो। फिर मेरे जीजाजी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उनके लंड की तरफ देखा, उनका लंड 10 इंच लंबा था और जैसे मेरी चूत फाड़ ही डालेगा इस तरह से खड़ा था। फिर मेरे जीजाजी ने मुझसे पूछा कि मेरा लंड लेना चाहती हो? तो मेरी जीजी ने तुरंत ही मुझसे कहा कि अरे हाँ इसकी चूत में तो कब से तुम्हारा लंड लेने के लिए खुजली हो रही है? आज दे दो इसको अपना लंड और फाड़ डालो इस रंडी की चूत।

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फिर तुरंत ही मेरे जीजाजी ने मुझे उठाया और बेड पर ले गये। अब में मन ही मन मुस्कुराने लगी और कहने लगी कि आज मज़ा आएगा। फिर जीजाजी ने मेरा टॉप उतार दिया और मेरे बूब्स चूसने लगे तो जीजी ने तुरंत ही मेरी नाईट पेंट उतार दी और मेरी गीली-गीली चूत को चाटने लगी। मैंने जीजाजी के लंड को बड़े जोरो से पकड़ा और आअहह आहहहह करने लगी, अब उस वक्त मुझे क्या मज़ा आ रहा था? फिर मैंने जीजाजी का गीला लंड पकड़कर अपने मुँह में डाल दिया तो जीजी कहने लगी कि क्यों रंडी मज़ा आ रहा है ना चूसने में? तो मैंने बोला कि हाँ बहुत ही मज़ा आ रहा है, अब तो में रोज जीजाजी से चुदवाऊँगी। फिर जीजी बोली कि कोई बात नहीं, तू शादी कर फिर में तेरे पति से चुदवाऊँगी। फिर जीजाजी ने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया म्‍म्म्ममाआआहह अब मुझे क्या मज़ा आ रहा था? जैसे मुझे जन्नत मिल गयी हो। फिर मैंने मेरी जीजी को बुलाया और उसको मेरे मुँह पर खड़े होने को कहा तो उसकी चूत मेरे मुँह पर आ गयी और में उसकी चूत चाटने लगी। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

 

अब इस तरफ जीजाजी बड़े ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत मार रहे थे। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने जीजाजी से कहा कि बस अब मेरी गांड भी फाड़ दो, तो मेरी जीजी बोली कि हाँ-हाँ इस मादरचोद रंडी की गांड भी फाड़ दो, तभी इसको शांति मिलेगी। तो जीजाजी ने तुरंत अपना लंड पकड़कर मेरी गांड पर रख दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में अंदर डाल दिया, अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। फिर मैंने कहा कि जीजाजी अपना वीर्य मेरी गांड में मत डालना, तो जीजाजी ने कहा कि तो फिर कहाँ निकालूं? तो मैंने कहा कि आप आपका वीर्य तो मेरे मुँह में ही डालना, में आपका सारा वीर्य पी जाउंगी। फिर जीजी बोली कि नहीं वीर्य तो हम आधा-आधा पीएगें तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर जीजाजी के वीर्य का गिरने का समय आ गया तो उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुँह पर लगा दिया और मैंने भी अपनी जीभ बाहर निकाल दी।

फिर जीजी जीजाजी का लंड पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और देखते ही देखते उनका सारा वीर्य मेरे मुँह में भर गया, आअहह उस वक़्त तो मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था जैसे अमृत पी रहे हो और उतना टेस्टी था उनका वीर्य। फिर मेरी जीजी ने अपना मुँह खोला और आधा वीर्य मेरे जीजी के मुँह में डाला। अब जीजी भी बड़े मज़े से उसको पी गयी और मैंने काफ़ी देर तक उसको अपने मुँह में रखकर उसके स्वाद का पूरा मज़ा लिया और फिर पी गयी। फिर उसके बाद मैंने जीजाजी का लंड अपने मुँह में लेकर अच्छी तरह से चूस-चूसकर साफ किया। फिर जीजाजी तुरंत ही मेरे मुँह में मूतने लग गये तो मैंने उनका सारा मूत भी पी लिया, अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था। फिर में और मेरी जीजी भी मेरे जीजाजी के मुँह में मूतने लग गयी और अपनी चूत उनके मुँह के पास ले जाकर चटवाकर साफ करवाई। सच बताऊँ तो उस दिन मुझे बड़ा ही मज़ा आया था। में आशा करती हूँ कि आपको मेरी ये कहानी भी बहुत पसंद आई होगी ।।

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