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इस रात की सुबह नहीं

आपको याद होगा कि मेरे पहले कन्फेशन का अंत जॉय के बेडरूम में जाने से हुआ था antarvasna antarvassna Indian Sex Kamukta Chudai Hindi Sex महक भी उसके अंदर चली गई और उसने दरवाजा बंद कर लिया था। उस वक़्त मैं सोच रही थी कि उन दोनों के बीच क्या चल रहा होगा? क्या वो दोनों सिर्फ़ दोस्त थे या उससे कुछ ज़्यादा?
खैर.. अब उस लिविंग रूम में राज और मैं अकेले थे, हम सोफे पर काफ़ी पास पास बैठे थे और हमारी जांघें आपस में एक दूसरे को छू रही थी, उसकी खुरदरी जीन्स की छुअन मेरे नाज़ुक बदन को काफ़ी अच्छी लग रही थी।
मैंने राज से पूछा कि क्या उसकी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो उसने कहा कि उसकी एक गर्लफ्रेंड थी। उसके चेहरे पर मैं उदासी देख रही थी।
उसने बताया कि उसने तीन साल की दोस्ती अभी दो महीने पहले ही तोड़ दी थी। उसने आगे बताया कि कैसे वो अपनी गर्लफ्रेंड को सरप्राइज़ देने उसके घर गया, उसके पास दूसरी चाबी थी तो वो ताला खोल कर सीधे अंदर चला गया।
राज ने उसके बेडरूम से कुछ आवाज़ें आती सुनी तो उसने सोचा कि उसके साथ कोई सहेली होगी लेकिन जब राज बेडरूम के दरवाज़े पर पहुँचा तो जो नज़ारा उसकी आँखों के सामने था, उसने राज की जिंदगी बदल दी।
उसकी गर्लफ्रेंड अपने मैनेजर के साथ नंगी बिस्तर में थी, वो दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे और उन्हें पता भी नहीं चला कि कोई घर में आया है।
जब राज बेडरूम में अंदर तक आ गया तो उसकी नज़र अपनी गर्लफ्रेंड से मिली।
और वो आख़िरी बार था जब राज ने अपनी गर्लफ्रेंड को देखा था।
राज की बात सुन कर मुझे दुख हुआ। राज ने मुझे सावधान रहने कहा क्योंकि वो नहीं चाहता मेरा दिल भी कभी इस तरह से टूटे..
जब वो यह बता रहा था तो उसकी आँखों में बहुत उदासी थी, मैं उसकी तरफ झुकी और उसे दिलासा देने के लिए अपनी हथेली उसके गाल पर रख दी।
इस रात की सुबह नहीं
इस रात की सुबह नहीं

अचानक मैंने खुद को उसके बदन के काफ़ी करीब पाया, यह शायद शराब और हमारी भावनाओं का असर था, मेरे होंठ उसके होंठों के काफ़ी करीब थे, मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और राज के होंठों को अपने होंठों पर महसूस किया। हम दो प्रेमियों की तरह चुम्बन कर रहे थे।
उसके मजबूत हाथ मेरी कमर पर आ गये और मेरे बदन को सहलाने लगे। उसने मुझे अपने और करीब खींच लिया और यह पहली बार था कि मैं किसी मर्द के इतने करीब थी।
ह्मारे होंठ अभी भी एक दूसरे से जुड़े हुए थे और मैं उसके मरदाने स्वाद का मज़ा ले रही थी।
मेरी उंगलियाँ उसकी बाजुओं पर आ गई और उसकी मसल्स की सख्ती से मेरा बदन गरम होने लगा।
राज के हाथ अब मेरे बदन का जायजा लेने लगे थे और जल्दी ही मैंने उसकी उंगलियाँ अपनी ड्रेस की ज़िपर पर महसूस की। उसने बड़े प्यार से ज़िप को खोला और उसका दूसरा हाथ मेरी नंगी कमर पर फिसल रहा था।
उस रात हमने एक दूसरे को इतना जान लिया, इतना करीब आ गये एक दूसरे के कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था।
उस रात की याद आती है तो मैं सोचती हूँ कि राज ने कितनी मजबूती पर प्यार भरे अंदाज़ से मुझे मेरे लड़की होने का अहसास दिला दिया।
तभी मैंने देखा कि सूरज की रोशनी खिड़कियों से अंदर आने लगी है, मैं उदास हो गई यह जान कर कि सुबह इतनी जल्दी हो गई। हम पूरी रात जागते रहे।
उसके बदन पर मेरे होंठों की लिपस्टिक के निशान ब्यान कर रहे थे कि मैंने उसे कहाँ कहाँ चूमा था..
दिन की रोशनी से मुझे अहसास हुआ कि हमारे कपड़े फर्श पर बिखरे पड़े थे। अंदर बेडरूम से आती आवाज़ से मैं जान गई कि थे। महक काफ़ी थकी हुई लग रही थी और उसकी रहस्यमयी स्माइल से मुझे लगा कि वो भी रात भर सोई नहीं थी। सब लोग थोड़ा फ्रेश हुए और तब महक और मैंने दोनों लड़कों को गुडबाय कहा।
मैंने राज को कहा कि मुझे उम्मीद है हम जल्दी ही दोबारा मिलेंगे।
उसने मुझे मेरे गाल पर चूमा और बाहर चला गया।
बाद में अपने घर में नाश्ता करते हुए मैंने महक को वो सब बताया जो उस रात हुआ था, उसने भी मुझे सब बताया कि अंदर बेडरूम में जॉय और उसके बीच क्या क्या हुआ था।
हम दोनों खिलखिला कर हंस पड़ी और फ़ैसला किया कि अब से हम अक्सर क्लब में जाया करेंगी।

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