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Padosan ke sath holi me biwi ki badli – पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

Padosan ke sath holi me biwi ki badli – पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय है और मेरी उम्र 29 साल है और मेरी बीवी पूजा की उम्र 22 साल है मेरा एक बेटा है जिसकी उम्र 7 महीने की है. दोस्तों पूजा मेरी पत्नी बहुत ही अच्छे फिगर की है उसके फिगर का साईज 32-30-34 है और वो बहुत सेक्सी है और जो कोई भी उसे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है क्योंकि वो दिखने में भी बहुत हॉट सेक्सी लगती है.

दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और हमारा फ्लेट तीसरी मंजिल पर है और मेरे फ्लेट के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर मेरी कंपनी में ही काम करने वाला रोहन (उम्र करीब 30 साल) रहता है. दोस्तों वो दिखने में जितना अच्छा है उतना ही झगड़ालु भी है और उसका उसकी बीवी से आए दिन किसी ना किसी छोटी छोटी बातों पर झगड़ा होता रहता है, वैसे उनका एक लड़का भी है जिसकी उम्र एक साल है और हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा है. किरन हमेशा अपने पति रोहन से और पड़ोसियों से मेरे और पूजा के रिश्ते को लेकर बात करती रहती थी और कहती थी कि इन दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी है जिसमें कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता और यह एक दूसरे का कितना ख्याल रखते है और वो यह बात भी कहती थी कि मेरी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे भगवान विनय भाई साहब जैसा पति दे.

अब में आप सभी को अपनी असली कहानी के बारे में बताता हूँ यह घटना करीब एक साल पहीले की है और वो मार्च का महीना था और होली आने वाली थी. किरन अक्सर हमारे बेटे को खिलाने के लिए अपने घर पर ले जाया करती थी और में उसे वापस लेने के लिए कभी कभी उसके घर पर चला जाता था, लेकिन आज कल कुछ दिनों से मैंने किरन को गौर करके देखा था कि वो मेरी तरफ कुछ अलग नज़र से देखती है, वो मेरी तरफ मुस्कुराती, वो उसकी नज़रें बहुत देर तक मेरे ऊपर ही टिकाए रखती है और जब में उससे अपने बेटे को उसकी गोदी से लेता तो वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर खुद जबरदस्ती छूने का प्रयास करती थी. मुझे उसका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत बदला बदला सा लगने लगा था.

एक दिन मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि चलो में भी देखता हूँ कि इसका इरादा क्या है? उस दिन जब मैंने अपने बेटे को उसकी गोदी से लेने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया तो मैंने भी जानबूझ कर अपने बेटे को अपनी तरफ नहीं लिया. में बस किरन का मेरे बेटे को छोड़ने का इंतजार करता रहा और मेरा हाथ कम से भी कम दस सेकेंड तक उसके 32 के बूब्स को स्पर्श करता रहा, लेकिन उनके नहीं दिया, अब मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब में अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए उनसे बोला कि भाभी जी बेटा दो में घर ले जाता हूँ. तो इस पर किरन मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में मुझसे बोली कि हाँ ले लो आपको कौन मना कर रहा है? तो में अब समझ गया कि वो आज अलग मूड में है, मैंने फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया तब भी उसने बेटा नहीं दिया और दो कदम पीछे हो गई और फिर से चिड़ते हुए बोली कि ले लो अपना बेटा.

में फिर से आगे की तरफ बढ़ा और मैंने उससे इस बार छीना झपट करने की कोशिश की और इस छीना झपट में मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को बहुत बार छुआ, दबाया, सहलाया और उस दिन के बाद से आए दिन जब भी रोहन घर पर नहीं होता था तो वो मेरे बेटे को मुझे ऐसे ही देती, मुझे भी अब इस काम में बहुत मज़ा आने लगा था और में समझ गया था कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है. फिर एक दिन तो हद ही हो गई उसने मुझे मेरे होंठो पर किस कर दिया, लेकिन में भी यही चाह रहा था कि कुछ उसकी तरफ से ऐसा हो क्योंकि में खुद आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था. फिर जैसे ही उसने मुझे किस किया तो मैंने उसको अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और फिर उसने मौका देखकर मेरे बेटे को पास ही पड़ी एक चारपाई पर लेटा दिया और फिर मुझसे चिपक गई.

तभी मैंने उससे कहा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है और अगर कोई आ अंदर गया तो तुम उससे क्या कहोगी? अब वो तुरंत मुझे छोड़कर बाहर चली गई और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया और इस बार मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया, उसका गदराया हुआ बदन बहुत मस्त था. उसकी कमर बहुत पतली थी, लेकिन फिर भी उसके बूब्स खड़े खड़े और 32 साइज़ के थे. अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके एक एक बूब्स को चूसता रहा. मेरे पास ज्यादा समय नहीं था और में उसके घर पर ज्यादा समय रुक भी नहीं सकता था. मैंने उसको बोला कि किरन अभी डर है कि कोई भी यहाँ पर आ सकता है और पूजा भी सोचेगी कि में इतनी देर यहाँ पर कैसे रुक गया, हम इसके आगे फिर कभी करेंगे और में जल्दी से वहाँ से अपने बेटे को लेकर बाहर निकल गया.
Padosan ke sath holi me biwi ki badli - पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली
Padosan ke sath holi me biwi ki badli – पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली


फिर इसके बाद अगले दिन में अपने प्लान के मुताबिक अपने ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया और सीधे किरन के घर में चला गया और मैंने उसको पहले से ही बता दिया था कि में ऑफिस से सीधे तुम्हारे पास आ जाऊंगा.

फिर बेडरूम के अंदर पहुँचते ही वो बेड पर लेट गई और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिया और साथ में उसके भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों के बदन पर अब कोई कपड़ा नहीं था और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुहं में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी जैसे कि वो कब से इसकी बहुत प्यासी है और थोड़ी देर बाद मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा और जब उनसे मेरा दिल भर गया तो फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया वो अब बहुत गरम हो चुकी थी और इसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब आ जाओ थोड़ा जल्दी करो और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना 7.5 इंच लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसने मुझे बुरी तरह से चूमना चाटना शुरू कर दिया और फिर मुझसे बोली कि विनय तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और में हमेशा से चाहती थी कि मुझे तुम्हारे जैसा पति मिलता, लेकिन अब कोई बात नहीं मैंने आज तुम्हारा प्यार तो पा ही लिया है और उसने मुझे फिर से जकड़ लिया वो नीचे से उछल उछलकर ज़ोर लगा रही थी जिसकी वजह से में बहुत गरम हो गया था और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया था और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब हम दोनों करीब 10-15 मिनट ऐसे ही एक दूसरे को सहलाते रहे.

यह सब काम ऐसे ही लगातार दो तीन दिन तक चलता रहा और यह शायद पांचवे दिन की बात होगी, में उस दिन किरन की चुदाई करने के बाद उसके जिस्म को सहला रहा था और वो मुझसे बातें कर रही थी. तो बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके पति रोहन को सेक्स के अलावा और कुछ नहीं सूझता और सेक्स खत्म होने के बाद उसे मुझसे कुछ मतलब नहीं और वो मेरी कोई परवाह नहीं करता है और वो आए दिन मेरी पिटाई भी करता है, वो दूसरों की पत्नियों के बारे में ख़ासकर मेरी पत्नी पूजा के बारे में कुछ ना कुछ गलत बातें बोलता रहता है.

फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलता है? तो किरन बोली कि बस ऐसे ही तो मैंने उससे फिर से ज़ोर डालकर पूछा वो क्या बोलता है बताओ तो सही? फिर किरन बोली कि वो कहता है कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छा माल है मुझे एक रात के लिए मिल जाए तो मुझे मज़ा ही आ जाए और वो आपकी बीवी पूजा के लिए तो अक्सर बोलता रहता है और वो मुझसे कहता है कि अगर इससे (पूजा से ) बदली हो जाए तो में तुझ जैसी को आज ही बदली कर लूँ. अब तुम ही बताओ कि में ऐसे पति के साथ कैसे गुज़ारा करूँ? मैंने बोला कि यार वो बहुत बेकार आदमी है कम से कम कोई भी अपनी बीवी के सामने ऐसा तो नहीं बोलता है और वैसे तुम में ऐसी क्या कमी है? में तो कहता हूँ कि अगर में शादीशुदा नहीं होता तो में अभी तुमसे शादी कर लेता और तुम्हे उससे तलाक़ दिला देता.

फिर वो बोली कि क्या तुम सही में सच कहते हो? अब में बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और इतनी ही देर में रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. दोस्तों वो शायद इसी बात का इंतजार कर रहा था कि में कुछ बोलूं उसने अपनी दूसरी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आकर चुपके से हमारी सभी बातें सुन रहा था. अब वो मुझसे बिल्कुल अलग लहजे में आवाज बदलते हुए बोला तो आप इन मेडम से शादी करोगे कर लो और में तो इनको कब से छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मुझे भी तो कोई चाहिए में आपकी बीवी से काम चला लूँगा आप अपने पास हमेशा ले लिए इस चुदक्कड़ को रख लो और फिर रोहन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाते हुए बोला कि में तुम्हारे घर पर जा रहा हूँ पूजा के पास ठीक है.

फिर में उससे बोला कि रूको, क्या तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है? इस बात पर रोहन बोला कि हाँ मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है, तुम मेरी बीवी की चूत को चोदोगे तो में किसकी चूत को चोदूंगा. दोस्तों में अब बहुत डर गया था, क्योंकि में आज रंगे हाथों पकड़ा गया था और इस पर में उससे बोला कि तुम पहले मेरी बात सुनो अभी ऐसे कुछ नहीं होगा और में तुम्हें पूजा की चूत दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूँगा, लेकिन मुझे उसके लिए थोड़ा सा समय दो. तो उसने बोला कि ठीक है, लेकिन कब तक का समय?

मैंने उससे कहा कि मुझे करीब 10 -15 दिन चाहिए और फिर उसने बोला कि ठीक है. फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ कि मुझे जानबूझ कर रोहन ने अपनी बीवी किरन से फंसवाया था. रोहन ने अपनी बीवी से बोला था कि तू विनय को फँसा ले और उसके साथ मज़े कर, अगर तू मुझे इसकी बीवी की चूत दिलवा देगी तो में तुझसे अच्छा व्यहवार करूँगा, बस एक बार मुझे उसकी चूत दिलवा दे और किरन ने जानबूझ कर रोहन की बातों में आकर मुझे फंसाया था.

अब कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी और होली के लिए ही मैंने एक प्लान बनाया था. किरन ने होली से एक दिन पहीले ही मेरी बीवी पूजा को कहा कि कल का दिन का खाना और रात का खाना किरन के घर पर होगा और होली वाले दिन रोहन ने प्लान के मुताबिक घर पर एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरकर बाथरूम में रखा हुआ था. फिर होली वाले दिन करीब 11 बजे में और पूजा, रोहन के घर पर पहुँच गए. उन्होने हमें अपने कमरे में बैठाया और रोहन एक रंग का डब्बा लेकर आया और बोला कि भाभी जी पहले कुछ नाश्ता हो जाए या फिर होली खेले? तो पूजा बोली कि देखो भाई साहब में तो होली बहुत ही कम खेलती हूँ, आप इनके ही यह पूरा रंग लगा दो.

फिर इस बात पर में जानबूझ कर तुरंत बोला कि पूजा तुम होली खेलो या ना खेलो, में तो इन दोनों के साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा क्योंकि एक साल बाद होली का त्योहार आता है और फिर भी ना खेले तो क्या फ़ायदा? रोहन में तो आज किरन भाभी के साथ बहुत होली खेलूँगा, अब यह तुम्हारी सरदर्दी है कि तुम पूजा को होली खेलने के लिए तैयार करो. अब पूजा मेरी तरफ आँख निकाल रही थी कि में रोहन को क्यों भड़का रहा हूँ? तो रोहन बोला कि अब तो मुझे विनय की तरफ से भी हाँ हो गई है और में तो भाभी जी आपके साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा, अब आप यह बताओ कि हम होली अभी खेलें या कुछ खाने के बाद? दोस्तों पूजा को बहुत अच्छी तरह से पता था कि रोहन बहुत जिद्दी किस्म का है और यह अब नहीं मानेगा. फिर पूजा बोली कि भाई साहब में तो वैसे कभी खेलती नहीं हूँ, लेकिन आप प्लीज़ थोड़ा ही रंग लगाना में यह बात सुनते ही बोला कि भाई पहले थोड़ा कुछ खा लो इतने में ही किरन भांग डली हुई लस्सी लेकर आ गई और फिर हम सबने एक एक ग्लास पिया, किरन ने पूजा को जो ग्लास दिया था उसमे भांग कुछ ज़्यादा डाली हुई थी, उसके बाद उसने आज जो भी आइटम खाने के लिए घर पर बनाए थे उनमे भांग डाली हुई थी.


अब में थोड़ी देर बाद बोला कि क्यों रोहन अब होली खेलना शुरू हो जाए? तो वो बोला कि ठीक है हो जाए, इस पर किरन बोली कि यहाँ खेलकर क्या मेरा पूरा घर खराब करोगे, रंग बड़ी मुश्किल से साफ होता है तुम बाथरूम में चलो हम वहाँ पर खेलेंगे. तो इस बात पर रोहन मुझसे बोला कि विनय पहले तुम किरन के साथ होली खेलो, उसके बाद में भाभी के साथ खेलूँगा. अब मैंने किरन की कलाई पकड़ी और उसको बाथरूम की तरफ़ ले गया, उनके रूम से बाथरूम साफ साफ दिखाई देता था मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसमे एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरा हुआ रखा था उसे देखते ही पूजा रूम से बोली कि अरे यह क्या इतना बड़ा रंग से भरा हुआ ड्रम? आप लोगों ने तो पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है में तो होली नहीं खेलूँगी. फिर विनोद बोला कि भाभी जी आज तो खेलना ही पड़ेगा या तो प्यार से नहीं तो ज़बरदस्ती और इतनी ही देर में मैंने किरन को उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसमे कूद गया में अब उसके चेहरे और गले पर रंग लगा रहा था और वो भी जानबूझ कर बहुत मज़े ले लेकर खेल कर रही थी ताकि पूजा भी यह देखे कि उसका पति मेरे साथ कैसे मज़े से होली खेल रहा है. फिर विनोद भी उसके साथ ऐसे ही होली खेलेगा और अब मैंने जानबूझ कर पूजा को दिखाने के लिए उसके बूब्स के नीचे झुककर रंग लगाया और रंग लगाते लगाते मैंने किरन का कुर्ता आगे से पकड़कर फाड़ दिया था और अब उसका ब्रा वाला पूरा हिस्सा आगे से दिख रहा था और में उसके साथ करीब 20-25 मिनट तक ऐसे ही इधर उधर हाथ घुसाकर रंग लगाकर होली खेलता रहा और जब हम दोनों ड्रम से बाहर निकले तब तक पूजा को नशा होने लगा था और फिर हम दोनों ड्रम से बाहर निकलकर वहीं बाथरूम में ही बैठ गये ताकि बाहर के कमरों का फर्श खराब ना हो.

फिर इसके बाद मैंने विनोद और पूजा को आवाज़ लगाई आ जाओ अब तुम दोनों, मेरी इस बात पर पूजा कमरे से ही बोली कि क्यों विनय तुमको मैंने इतनी बुरी तरह से होली खेलते कभी नहीं देखा? तो मैंने कहा कि तो आज देख लिया ना, प्लीज अब आ जाओ. दोस्तों उस समय पूजा थोड़ा गुस्से में थी क्योंकि उसको अच्छी तरह से पता था कि अब रोहन भी उससे बुरी तरह से होली खेलेगा.

अब विनोद पूजा की कलाई पकड़ते हुए बोला कि चलो ना भाभी जी और फिर उसकी इस बात पर पूजा उससे कि बोली रोहन भाईसाहब प्लीज आप बाहर ही मेरे चेहरे पर रंग लगा लो में इतना होली कभी नहीं खेलती, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना और उसने पूजा को गोदी में उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसके अंदर कूद पड़ा. अब पूजा चुपचाप सीधी खड़ी हो गई और वो बड़े ही प्यार से पूजा के बदन पर रंग लगाने लगा फिर उसने बड़े ही प्यार से बोला कि भाभी जी आपके गाल तो बहुत ही गुलाबी है, में आज इनको और भी गुलाबी कर देता हूँ और उसने पूजा के गालों को सहलाते हुए रंग लगाया और वो साथ साथ पूजा की तारीफ़ भी कर रहा था और रंग भी लगा रहा था.

फिर कुछ देर बाद वो उसके गले पर रंग लगाकर और अब रोहन पूजा का कुर्ता भी मेरी तरह फाड़ने लगा, लेकिन पूजा ने गुस्सा होने का नाटक किया, लेकिन फिर भी रोहन ने आख़िरकार उसका कुर्ता फाड़ ही दिया और उसके बदन से पूरा अलग कर दिया. पूजा को अब नशा होने लगा था और अब में भी किरन को लेकर उस ड्रम में कूद गया, लेकिन उसमें जगह थोड़ी कम थी इसलिए हम एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये थे और अब मैंने अपनी बीवी को पकड़ा और उसकी ब्रा को कंधो से पूरा नीचे उतार दिया.

अब पूजा मेरे ऊपर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और फिर वो मुझसे बोली कि विनय प्लीज इन लोगों के सामने तो कम से कम कुछ शरम करो. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि किस बात की शर्म? आज होली है और इसमे कोई शर्म नहीं होती और फिर में उसके बूब्स को रगड़ने लगा और इधर रोहन ने भी किरन के साथ ठीक वैसा ही किया जैसा मैंने पूजा के साथ किया और अब रोहन पूजा को बहुत बुरी तरह से घूरकर देख रहा था. फिर मैंने अपनी बीवी को और भी गरम करने के लिए उसकी चूत में हाथ डाल दिया, वो मेरा हाथ बाहर निकालने के लिए नीचे की तरफ झुककर अपना पूरा ज़ोर लगाकर बहुत प्रयास करने लगी, लेकिन मैंने उसकी चूत में से अपनी उंगली को बाहर नहीं निकाला और इधर किरन को रोहन ने पकड़ा और किरन की सलवार पानी के अंदर ही उतार दी किरन अब सिर्फ़ पेंटी में थी.

तभी पूजा को मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो पूजा मुझसे बोली कि विनय बेटा रो रहा है प्लीज अब तो छोड़ो मुझे बहुत हो चुकी होली, अब बच्चों का भी कुछ ख्याल करो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अभी तो मौसम बना है और बच्चा भी रोने लगा, तो में उससे बोला कि अभी तो हमारी होली शुरू हुई है तुम यहीं रुको में बच्चे को चुप करवाता हूँ. तो में ड्रम से बाहर निकला और मैंने रोहन को बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम पूजा को देखना कहीं वो इस ड्रम से बाहर ना निकल जाए.

फिर मैंने एक टावल में अपने बेटे को गोद में ले लिया और उसे सुलाने की कोशिश करने लगा और फिर मैंने बाथरूम की तरफ देखा कि पूजा वहां से भागने की फिराक में थी और में रोहन को चिल्लाते हुए बोला कि देखो रोहन, पूजा बचकर भागना चाहती है और इतने में रोहन ने पूजा को पीछे से अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया. अब पूजा के दोनों बूब्स रोहन के हाथ में थे और उसका तनकर खड़ा हुआ लंड पूजा की गांड में था. वो ऐसे नाटक करते हुए मेरी तरफ आवाज़ लगते हुए बोला कि विनय जल्दी आओ भाभी जी भागना चाहती है.

फिर में उससे बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम उसे छोड़ना नहीं और अब किरन पूजा को आगे से पकड़ने लगी और रोहन पूजा के बूब्स को हाथ से रगड़ने लगा और बोला कि क्यों भाभी जी बहुत जल्दी है भागने की अभी तो होली शुरू हुई है? अब मैंने कुछ देर बाद अपने बेटे के सोते ही उसे दोबारा से रोहन के बेटे के पास ही सुला दिया और अब मैंने रोहन से बोला कि अरे यार तुम्हारे पास और कोई रंग नहीं है क्या? इन लोगों को सिर्फ़ गुलाबी कलर से ही रंगना है क्या?

फिर वो बोला कि हाँ है वहां पर फ़्रिज़ के पास कुछ और पाउच भी रखे हुए है, हरे और पीले कलर के वो सब ले आओ और अब में वो पाउच ले आया और मैंने पूजा को ड्रम से बाहर निकाल लिया और वहीं बाथरूम में उसे लेटा दिया. फिर मैंने हरा कलर लिया और अपने दोनों हाथ पर लगाकर पूजा के बूब्स पर लगाया और अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन वो मुझसे साफ मना करती रही और मैंने उसकी सलवार उतारकर उसकी पेंटी के अंदर हाथ डालकर हरा रंग लगाया और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को पूरा उतारा और वहीं पर अपने कपड़े उतारकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, यह सब देखकर पूजा शरम के मारे मरी जा रही थी, लेकिन शायद वो नशे के कारण कुछ नहीं बोल रही थी. फिर किरन और रोहन भी हमारे पास ही बाथरूम के फर्श पर लेट गये और किरन तो पहले से ही पेंटी में थी. रोहन और किरन भी वहीं फर्श पर चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये.

दोस्तों हम दोनों जोड़ियों के बीच में सिर्फ़ एक फिट का फासला था. पूजा ने अपना सर शर्म की वजह से रोहन के दूसरी तरफ कर रखा था तो मैंने उसका सर पकड़कर रोहन की तरफ कर दिया और मैंने अपना एक हाथ किरन के बूब्स को दबाने, मसलने में लगा दिया. फिर रोहन ने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ पूजा के बूब्स पर रख दिया, लेकिन पूजा ने उसका कोई विरोध नहीं किया. अब हम अपनी अपनी बीवियों की चूत एक दूसरे के सामने मार रहे थे और हमारे हाथ पास एक दूसरे कि बीवियों पर थे. अब शायद पूजा को भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपने हाथ से किरन को अपनी तरफ सरकाया और उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन में अभी भी पूजा को धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और मैंने जैसे ही किरन के होंठो को आज़ाद किया तो रोहन ने भी पूजा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा उससे कुछ नहीं बोली और अब वो बिल्कुल चुपचाप उसका साथ देने लगी.

अब मुझे लगा कि लोहा गरम है क्योंकि रोहन के लिए पूजा कोई भी विरोध नहीं कर रही है मैंने तुरंत उसे इशारा किया और हम दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी बीवियों की बदली कर ली और बस फिर क्या था. रोहन ने बिल्कुल भी देर किए बगैर ही अपना लंड पूजा की चूत में पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया और अब वो उसके होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो से चूमने, चूसने लगा. दोस्तों रोहन सेक्स के मामले में पहले से ही बहुत कुछ सीखा हुआ था और यह सब मुझे किरन ने बोला था और आज वैसे भी उसे वो औरत मिल गयी थी जिसके लिए वो बहुत प्यासा था. फिर मैंने पानी का फव्वारा चला दिया जिसका पानी उनके ऊपर ही गिर रहा था. रोहन उसकी चूत के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा. फिर पूजा भी अब अपने चूतड़ उठाने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी उसको यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने रोहन को हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और अब में समझ गया कि वो अब रोहन के साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गयी है.

फिर रोहन ने एक बार उसकी जमकर चुदाई की और मैंने किरन की. उसके बाद हम चारों साथ साथ नहाए. फिर रोहन ने पूजा को अपनी गोदी में बैठाकर उसके बदन से रंग छुड़ाया और मैंने किरन के जिस्म से. फिर उसके बाद करीब तीन बजे हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. अब भी किरन सोती रही, लेकिन हम तीनों की नींद एक साथ रात को 8 बजे टूटी, क्योंकि हमारे बच्चे रो रहे थे और अब तक हमारा नशा भी कम हो गया था. पूजा और किरन अभी भी पूरी नंगी थी और पूजा शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी क्योंकि अब उसका नशा दूर हो गया था. वो रोहन और मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी.

फिर रोहन मेरे और अपने बेटे के लिए किचन से बॉटल में दूध लेकर आया और पूजा ने दोनों बच्चो को दूध पिलाकर सुला दिया क्योंकि किरन अभी तक सो रही थी. फिर मैंने और रोहन ने मिलकर एक बार फिर से पूजा को चोदा, थोड़ी देर तो पूजा शरमाती रही, लेकिन फिर एक दो मिनट के बाद पूजा भी हमारे साथ खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी.

रोहन बहुत सेक्स का भूखा है यह मुझे मेरी पत्नी ने बताया भी और आज अपनी आखों से मैंने देखा भी, क्योंकि में दो बार में ही किरन के साथ थक जाता था, लेकिन रोहन चार बार के बाद भी पूजा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा. फिर उसके बाद हम सो गए और जब मैंने सुबह उठकर देखा तो रोहन मेरी बीवी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन में अपने कपड़े पहनकर अपने घर पर चला आया और मेरे आने के कुछ देर बाद मेरी बीवी भी आ गई.

दोस्तों अब जब भी हमारा दिल होता है तो हम एक दूसरे के घर पर कभी भी घुस जाते है और फिर दूसरे दिन सुबह ही निकलते है. हम एक दूसरे की बीवियों को बहुत मज़े लेकर चोदते है और बहुत मज़े करते है. दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की एक सच्ची कहानी.

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