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Bhabhi ki chut fadi dewar ke dost ne – भाभी की चूत फाड़ी देवर के दोस्त ने

Bhabhi ki chut fadi dewar ke dost ne – भाभी की चूत फाड़ी देवर के दोस्त ने

हैल्लो दोस्तों, आज में अपनी पहली सेक्स स्टोरी लिखने जा रहा हूँ और यह स्टोरी मेरी भाभी की है, उनका नाम निशा है और वो दिखने में बहुत हॉट, सेक्सी है, उनको देखकर तो में बिल्कुल पागल हो जाता हूँ और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी है. निशा का फिगर 36 26 38 है और उसका रंग थोड़ा सांवला है और वो हमेशा सलवार सूट पहनती है और वो बेहद पतिव्रता है, लेकिन जब मुझे उसका सच पता चला तो आप पूछिए मत मेरा क्या हाल हुआ? मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वो ऐसी भी हो सकती है? दोस्तों यह बात 2014 की है. में भाभी का बहुत अच्छा दोस्त हूँ और भाभी को पता है कि मुझे चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन फिर भी वो मुझे कोई भी भाव नहीं देती और इसलिए मैंने सोचा कि वो बेहद पतिव्रता है और मेरी उसको चोदने की इच्छा कभी भी पूरी नहीं हो सकती.

दोस्तों एक बार मैंने उनका फोन चेक किया तो मैंने देखा कि व्हाटसप पर उन्होंने कुछ मोबाईल नंबर्स पर बात कर रखी थी और मुझे वो बातें बहुत अजीब सी लगी तो दोस्तों मैंने पता किया तब मुझे पता चला कि वो नंबर मेरे दोस्त का था और उसका नाम आरिफ़ था, वो कभी कभी मेरे घर पर भी आता था और भाभी कहती थी कि उसकी नज़र ठीक नहीं है और वो हमेशा उन्हें गंदी नजर से देखता रहता है और इस वजह से वो उससे हमेशा दूर ही रहती, लेकिन दोस्तों में यह सब देखकर एकदम हैरान रह गया और में उनकी चेट्स पर हुई बातें पढ़ता था.

एक दिन जब मैंने उनकी दोबारा बातें पढ़ी तो भाभी ने उससे कहा कि तुम कल घर आ जाना घर पर कोई भी नहीं है. दोस्तों मेरे भैया हमेशा अपनी नौकरी की वजह से हमारे घर से दूर रहते है और कल मेरे मम्मी, पापा भी किसी काम से जयपुर जा रहे थे और मुझे हर रोज़ की तरह सुबह उठकर अपने कॉलेज जाना होता है और फिर कॉलेज से सीधा में अपनी पार्ट टाईम नौकरी पर चला जाता हूँ और में वहां से हमेशा रात को थोड़ा देरी से आता हूँ तो इसलिए इस बात का वो पूरा पूरा फायदा उठाकर मेरे दोस्त के साथ कुछ हटकर करना चाहती थी, लेकिन ऐसा क्या में बस वही सोच रहा था.

दोस्तों निशा भाभी का वो मैसेज पढ़कर मैंने प्लान बनाया कि में अपनी छत का दरवाजा हल्का सा खोल दूँगा और सही मौका देखकर में पीछे की दीवार पर चड़कर अपनी छत से मेरे घर में आ जाऊंगा, लेकिन दोस्तों मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि अब इसके आगे क्या होने वाला था? में तो बस सोचकर उसके बारे में विचार करने लगा.

अगले दिन सुबह 6 बजे मेरे पापा, मम्मी बाहर चले गये और में 8 बजे उठ गया. फिर मैंने देखा कि भाभी मुझे आज हर दिन से कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थी और उन्होंने काले कलर का सलवार सूट पहना हुआ था, उसके अंदर से उनके बड़े बड़े बूब्स ब्रा में बंधे होने की वजह से और भी ज्यादा उभरे हुए दिख रहे थे. फिर में तैयार होकर अपनी भाभी से यह बात कहकर निकल गया कि में रात को थोड़ा देरी से घर पर आऊंगा और फिर में अपने कॉलेज चला गया, लेकिन में थोड़ा दूरी पर जाने के बाद अपने घर की तरफ लौट गया और अपने पड़ोसी की छत पर चढ़कर में अपनी छत पर आ गया और अब में इंतजार करने लगा.

मैंने देखा कि नीचे निशा दरवाजे पर खड़ी हुई है और मुझे उसकी किसी से फोन पर बात करने की आवाज़ भी आ रही थी और वो बहुत हंस हंसकर बातें कर रही थी और तभी वो बोली कि प्लीज थोड़ा जल्दी आओ आरिफ़ अब मुझे कितना इंतजार और करवाओगे? इतनी बात करके भाभी दरवाजे से अंदर आ गई और तभी मैंने पांच मिनट के बाद सुना की दरवाजे पर लगी घंटी बजी और में अब जल्दी से सीड़ियों पर आ गया और मैंने छुपकर देखा तो में एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो सब देखकर मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि आरिफ़ और भाभी अब मेरी आखों के सामने बहुत प्यार से गले मिल रहे थे.


अब आरिफ़ ने मेरी भाभी से मुस्कुराते हुए कहा कि क्या बात है आज तो एकदम कयामत लग रही हो? तभी अचानक आरिफ़ ने दोनों बूब्स पकड़े तो वो उसे धक्का देकर हंसते हुए रूम में भाग गई, उसकी यह सब हरकतें देखकर में बिल्कुल चकित था और मन ही मन सोच रहा था कि क्या यह वही पतिव्रता भाभी है? अब में चुपचाप धीरे धीरे बिल्कुल नीचे आ गया और उनके रूम की खिड़की के पास पहुंच गया, रूम अंदर से बंद होने के बाद मैंने उस खिड़की से अंदर झांककर देखा कि आरिफ़ ने मेरी भाभी को पीछे से पकड़ रखा है और वो उनके दोनों बूब्स को लगातार ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और जिसकी वजह से भाभी हल्की हल्की गरम हो रही थी.

फिर भाभी एकदम से पीछे की तरफ घूमी और उसे पागलों की तरह किस करने लगी, दोनों की जीभ एक दूसरे से मस्ती से मिल रही थी, अब आरिफ़ ने अपने होंठो से भाभी की जीभ को पकड़ लिया और फिर वो जीभ को चूसने लगा और उन दोनों को देखकर मेरा तो बहुत बुरा हाल हो गया था, मेरा लंड पेंट के अंदर अब तक टेंट बन चुका था. फिर मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और हिलाने लगा. अब आरिफ़ ने भाभी की चुन्नी को उतार दिया और अब वो उनके दोनों बूब्स को दबाने, मसलने लगा और जिसकी वजह से भाभी सिसकियाँ भर रही थी. फिर आरिफ़ ने तुरंत उनका कुर्ता उतार दिया वो और अब उस गुलाबी कलर की ब्रा में बहुत मस्त सेक्सी लग रही थी और वो वाली ब्रा उन पर बहुत जंच रही थी, उनके 36 के बूब्स अब 38 के लग रहे थे.

फिर आरिफ़ ने उनसे कहा कि क्या यार निशा तेरे बूब्स तो एकदम तरबूज़ जितने भारी है, उसके मुहं से अपने बूब्स की इतनी तारीफ सुनकर निशा हंसने लगी और फिर आरिफ़ बोला कि चल अब में तेरे छिलके हटाकर आज तेरे आम को भी चूसता हूँ और फिर आरिफ़ ने ब्रा को खींचकर उतार दिया और में तो एकदम हैरान ही रह गया, क्योंकि भाभी के दोनों बूब्स बिल्कुल टाईट कसे हुए थे और निप्पल पर बड़े बड़े काले घेरे थे और यह सब देखकर में तो पागल ही हो गया.

अब आरिफ़ ने निप्पल को चूसना, निचोड़ना शुरू किया, अब आरिफ़ बेड पर बैठा हुआ था और निशा उसकी तरफ मुहं करके उसकी गोदी में बैठी हुई थी और वो एक एक बूब्स को बारी बारी से चूस रहा था और में तो भाभी की मस्ती देखकर बहुत हैरान था. फिर आरिफ़ ने उनसे बोला कि भाभी अब तुम्हारी चूत भी तो दिखाओ और अब उसने भाभी को बेड पर लेटा दिया और फिर उनकी सलवार को भी नीचे खींच दिया.

फिर मैंने देखा कि उन्होंने गुलाबी कलर की पेंटी पहनी हुई थी और उसने उसे पकड़कर फाड़ दिया और अब वो भाभी से बोला कि आज जैसे मैंने तेरी पेंटी फाड़ी है ठीक वैसे ही में अब तेरी चूत को भी फाड़ दूंगा.

फिर इतने में भाभी उससे बोली कि तू क्या फाड़ेगा, पहले तो में तेरा लंड निगल जाउंगी, तेरा पूरा लंड आज में खा जाउंगी. दोस्तों भाभी के मुहं से यह सब शब्द सुनकर मेरा लंड एकदम बोखला सा गया, भाभी एकदम से उठी और उन्होंने उसकी पेंट को खोलकर सीधा लंड को पकड़ लिया और फिर उसकी अंडरवियर को उतार दिया, आरिफ़ का लंड तीन इंच मोटा और करीब सात इंच लंबा था और अब उसके लंड को निशा भाभी अपने होंठो से छूने और अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और वो उनके मुहं में बहुत टाईट घुस रहा था, क्योंकि उनका मुहं बहुत छोटा, लेकिन लंड का आकार बहुत मोटा था.

फिर आरिफ़ अब आहह वाह मज़े आ रहे है कहने लगा और भाभी उम उम उम कर रही थी. फिर कुछ देर बाद आरिफ़ ने कहा कि अरे प्लीज अब छोड़ दो वरना निकल जाएगा और भाभी ने तुरंत उसका लंड छोड़ दिया और अब आरिफ़ ने भाभी की चूत चाटी और वो भाभी से कहने लगा कि निशा तेरी चूत तो एकदम टाईट है, लेकिन ऐसा कैसे?

फिर भाभी ने थोड़ा उदास होते हुए कहा कि मेरे पति हमेशा बाहर रहते है और हमे सेक्स किये हुये सालों हो गये और में कभी भी अपनी चूत में ऊँगली तक भी नहीं करती और इस वजह से मेरी चूत टाईट और में अपनी चुदाई की प्यासी हूँ और मेरी चूत में बहुत आग है. फिर आरिफ़ ने भाभी से कहा कि तुम्हे इतने दिनों बाद चुदने में थोड़ा बहुत दर्द होगा. तभी भाभी बोली कि तू ऐसे चोद डाल तेरी निशा भाभी को कि इस दर्द से मुझे प्यार हो जायें.

फिर आरिफ़ ने भाभी की चूत पर बहुत सारा थूक लगाया और अपना लंड चूत के मुहं पर रखकर चुदाई करने के लिए तैयार किया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा, लेकिन भाभी की चूत बहुत टाईट थी तो लंड अंदर नहीं घुस रहा था. फिर आरिफ़ ने ज़ोर से एक धक्का दे दिया तो भाभी बहुत तेज़ चीखी और उनकी आंख में आँसू थे, आरिफ़ यह सब देखकर डर गया और उसने लंड को बाहर निकाला और जिसकी वजह से भाभी को बहुत दर्द हुआ, लेकिन एक बार फिर से आरिफ़ ने दोबारा ज़ोर से धक्का देकर लंड को अंदर डाला तो वो ज़ोर से चिल्लाई और इतने में आरिफ़ को थोड़ा गुस्सा आया और उसने अपना पूरा लंड भाभी की चूत में अंदर डाल दिया.

तो वो फिर से चीखने लगी और कहने लगी, उफ्फ्फ्फफ आह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर निकालो, ऊईईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द उफफ्फ्फ्फ़ है, प्लीज अब बस करो में मर जाउंगी. अब आरिफ़ ने भाभी के होंठो पर किस किया और वो अब ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को लगातार अंदर बाहर करने लगा और अब आरिफ़ भी चिल्लाने लगा आहह उफ्फ, क्योंकि उसका मोटा लंड इतनी टाईट चूत से घिसता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. फिर आरिफ़ ने बिना रुके करीब तीन मिनट लंड को चूत के अंदर बाहर किया और फिर जब उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने तुरंत अपना लंड बाहर निकाल लिया.

फिर वो भाभी के बूब्स चूसने लगा. अब भाभी ने उसका सर अपने बूब्स पर जकड़ लिया और फिर आरिफ़ ने भाभी को इसी पोज़िशन में हवा में उठा लिया और खड़ा हो गया और उसने अपना लंड एक बार फिर से चूत में सेट करके अंदर डाल दिया और हवा में उछाल उछालकर चोदने लगा, भाभी को अब उसकी चुदाई से बहुत मजा आने लगा था और वो उससे कह रही थी, आहह उफफ्फ्फ्फ़ आज मेरी इस सूखी हुई चूत को अपने लंड के पानी से गीला कर दो, उईईईईइ हाँ आरिफ़ चोद मुझे, आज तू अपनी रंडी बना ले. फिर आरिफ़ अब कंट्रोल नहीं कर पाया और उसने जोश में आकर अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ाकर भाभी की चूत में अपना पूरा वीर्य डाल दिया.

फिर वो किस करने लगा और कुछ देर बाद भाभी ने उसका लंड अपने हाथ से पकड़कर बाहर निकालकर और वो तुरंत नीचे बैठकर लंड को मुहं में लेने लगी और भाभी ने उसका पूरा लंड चाट चाटकर साफ किया. फिर आरिफ़ बोला कि भाभी आज मेरा काम पर जाने का मन तो नहीं है, लेकिन में नहीं गया तो फंस जाऊंगा तो इसलिए मुझे जाना पड़ेगा. फिर भाभी बोली कि चल ठीक है में तुझे बाद में फिर बुला लूंगी, क्योंकि मुझे तेरा लंड बहुत भा गया है. फिर आरिफ़ ने किस किया और भाभी ने हग और फिर कपड़े पहनकर आरिफ़ बाहर आ गया और में बाथरूम के पास छुप गया. भाभी उसको नंगी ही बाहर दरवाजे तक छोड़ने आई बिना किसी शर्म के. में इतनी देर में छत पर भाग गया और मैंने देखा कि भाभी ने एक गोली भी ली शायद वो गर्भ निरोधक गोली थी.

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