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Dost ki bahan ki kamukta – दोस्त की बहन की कामुकता

Dost ki bahan ki kamukta – दोस्त की बहन की कामुकता

 

दोस्तों यह बात आज से कुछ दिनों पहले की है. उस समय मेरे दोस्त के पापा किसी दूसरे शहर में किसी काम से एक सप्ताह के लिए गये हुए थे और इसी बीच उसकी बड़ी बहन भी घर पर आ गई थी और वो भी दस दिनों के लिए और किस्मत भी देखो कि उसके घर पर समस्या भी उसी वक़्त आनी थी, मेरे दोस्त को मलेरिया हो गया और वो किसी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसी शाम को जब मैंने फोन किया तो फोन उसकी माँ ने उठाया और जब मेरी बात हुई तो मुझे पता लगा कि वो हॉस्पिटल में है और वो यह बात कहकर रोने लगी. फिर उसके बाद मैंने उन्हें थोड़ा समझाया और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि घर पर नेहा भी आई हुई है और वो हमारे लिए खाना बनाकर लेकर आएगी.

फिर मैंने उनसे कहा कि में खुद आपके लिए खाना लेकर आ जाऊंगा और में इस बहाने से आपसे भी मिल लूँगा. फिर उन्होंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने फोन रख दिया और में शाम के 7 बजे अपने दोस्त के घर पर पहुंचा और मैंने देखा तो दरवाज़ा अंदर से बंद था, लेकिन कुण्डी नहीं लगी थी तो मैंने उसे धीरे से धक्का देकर खोला और अंदर चला गया. फिर मैंने देखा कि घर में पहली मंजिल पर कोई नहीं था और उनका घर दो मंजिल का है, नीचे रसोई और दो रूम और ऊपर दो रूम मुझे बहुत ढूंढने पर भी नीचे कोई नहीं दिखा तो में ऊपर वाले रूम में देखने चला गया और अब में देखता ही रह गया.

 

दोस्तों अब इसे संयोग कहे या जो मर्ज़ी पड़े वो कहे, क्योंकि वहां का नज़ारा ही कुछ ऐसा था कि नेहा पूरी नंगी थी और वो अपने लेपटॉप पर कोई सेक्सी फिल्म देख रही थी और उसने लेपटॉप को अपने पेट पर रखा हुआ था और अपने दोनों पैरों को फैलाकर चूत में उंगली कर रही थी, वाह दोस्तों उसकी चूत तो मेरे सामने एकदम साफ नज़र आ रही थी और उसमें वो लगातार उंगली डाल रही थी, मेरा तो यह सब देखकर ही लंड खड़ा हो गया था और अब पेंट के बाहर आने को उतावला हो रहा था और नेहा अपने काम में बहुत व्यस्त थी तो उसे अब तक बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि में उसे वहां पर खड़ा खड़ा देख रहा हूँ और जब उसने झड़ने के बाद लेपटॉप को बंद करने के लिए स्क्रीन को नीचे किया तो मुझे देखकर वो बिल्कुल चौंक गई और वो जल्दी से उठी और जल्दी से उसने अपनी टी-शर्ट औट केफ्री पहन ली, वो बहुत चकित थी और में भी उसी वक़्त नीचे आ गया.

फिर वो भी नीचे घबराहट में आई और मुझसे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं, में तो खाना लेने के लिए आया हुआ था और मेरी आंटी से फोन पर बात हुई और उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे खाना हॉस्पिटल लेकर जाना है. फिर उसने कहा कि तुम यहाँ पर आए, लेकिन तुमने दरवाजा क्यों नहीं बजाया? फिर मैंने कहा कि पहले से ही खुला हुआ था तो में अंदर चला आया और वो उस समय बहुत गुस्से में थी और घबराई हुई भी. अब में समझ गया कि उसके मन में क्या क्या चल रहा था? तभी मैंने उससे कहा कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और में यह बात बाहर किसी से नहीं कहूँगा. फिर वो मेरी तरफ देखने लगी, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि मैंने अभी खाना नहीं बनाया तो तुम रूको, में अभी बना देती हूँ और तब तुम ले जाना.

 

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फिर मैंने कहा कि में अभी जा रहा हूँ और में एक घंटे बाद आ जाऊंगा. फिर वो बोली कि रुक जाओ, उसने मुझे पैसे दिए और बोली कि अंडे लेकर आ जाओ. फिर में बाजार गया और बीस मिनट में अंडे लेकर आ गया और उन्होंने खाना बनाया और मुझे दे दिया और में उसे लेकर हॉस्पिटल चला गया, में पूरे रास्ते उस सीन के बारे में ही सोचता रहा कि आज मेरा दिल उस पर आ गया और अब में बस उसे चोदना चाहता था. फिर में हॉस्पिटल से खाली बरतन लेकर वापस आया और नेहा को दे दिए. मैंने रास्ते में ही एक आइडिया सोचा था. मैंने घर पर जाते ही नेहा से कहा कि तुम्हारी माँ ने मुझसे आज रात को यहाँ पर रुकने को बोला है तो उसे यह बात सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन वो भी उस समय घर में अकेली थी, एक लड़की वो भी रात में बिल्कुल अकेली घर पर तो उसने भी झट से मुझे हाँ कह दिया और वो मुझसे बोली कि चलो खाना खा लो. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन उस वक़्त हमने खाने के आलावा कोई और बात नहीं की.

 

फिर मैंने अपने घर पर फोन करके अपने घरवालों को बता दिया कि में आज घर पर नहीं आ रहा हूँ और अब में टेंशन फ्री था और नेहा ने अपनी मम्मी को कॉल नहीं किया. फिर उसने मुझे मेरे दोस्त के रूम में सोने को कहा और वो अपने रूम में चली गई, उसकी तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर मुझे लगा कि अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा वरना आज भी लंड बिना चूत में घुसे ही सो जाएगा, बहुत देर तक में सोने की नाकाम कोशिश करता रहा, लेकिन मुझे नींद नहीं आई और आती भी कैसे उस घर में आते ही मैंने एक बार पहले ही जन्नत जो देख ली थी और उस पर आज वो घर पर बिल्कुल अकेली थी. फिर में उठा और उसकी रूम की तरफ़ गया और दरवाजा खटखटाया.

 

वो बोली कि कौन है? में बोला कि में शेखर तो उसने दरवाज़ा खोला और बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं बस मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि आपके पास बैठकर थोड़ा बात ही कर लेता हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है आ जाओ अंदर वैसे भी बाहर बहुत ठंड है. फिर मैंने पूछा कि आप क्या कर रही थी?

फिर वो बोली कि में अपनी मैल चेक कर रही थी और हम दोनों उसके बेड पर एक रज़ाई में पैर रखकर बैठ गये और थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसने कहा कि तुम यहाँ पर क्या ऐसे ही बैठने आए हो? तो में हंसने लगा और बोला कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. फिर उसने पूछा कि तो तुम मेरे भाई के बहुत अच्छे दोस्त हो? मैंने कहा कि हाँ तो वो बोली कि एक बात बताओ कि क्या उसकी कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड है? तो में एकदम सोच में पड़ गया कि बताऊँ या ना बताऊँ?

 

 

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फिर वो मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि कोई ज़रूरत नहीं तुम्हे बताने की मुझे उसके बारे में सब कुछ पता है और उसने मुझे वो सब बता रखा है तो मेरे दिमाग़ में अब एक सवाल आया और मैंने पूछा कि क्या आपको उसने सब कुछ बता रखा है? फिर वो बोली कि हाँ कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है और वो एक बार उससे मिली भी है.

अब मैंने कहा कि ठीक है, तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने तुरंत जवाब दिया कि नहीं. फिर वो पूछने लगी कि क्यों नहीं है? मैंने कहा कि बस ऐसे ही और फिर मैंने भी बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड? तो पहले उसने कुछ देर मेरी तरफ देखा और फिर बोली कि नहीं है. फिर मैंने पूछा कि क्यों नहीं है? आप मुझसे बिल्कुल भी झूठ मत बोलो आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना हो, में मान ही नहीं सकता.

 

वो बोली कि क्यों में इतनी अच्छी भी नहीं लगती हूँ? मैंने कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती है तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी, लेकिन अब मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था तो मैंने उससे कहा कि में आपसे एक बात कहूँ तो कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगी? फिर वो बोली कि हाँ बोलो तो मैंने कहा कि देखिए आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड, क्यों ना हम दोनों ही कपल बन जाते है? तभी उसने मुझे बहुत हैरानी से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी सी स्माईल दी और बोली कि देखो में तुमसे उम्र में बड़ी हूँ और तुम्हारे दोस्त की बड़ी बहन भी हूँ और तुम मुझसे ऐसा कैसे बोल सकते हो?

फिर में कुछ नहीं बोला और बिल्कुल चुपचाप कुछ सोचता रहा और अब तो में बस समझ गया था कि यह ऐसे ही बोलेगी और में सीधा अपनी बात पर आया और मैंने कहा कि आप आज शाम को क्या कर रही थी? वो मेरी यह बात सुनकर शर्मा गई और उन्होंने अपनी दोनों आँखे नीचे कर ली और बोली कि प्लीज तुम किसी से यह बात मत करना.

 

मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आपसे एक बात जरुर कहूँगा कि आपको अब सेक्स की बहुत ज़रूरत है और में वो आपसे कर सकता हूँ और मुझे आपके साथ ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है. तभी वो बहुत गुस्सा होकर बोली कि तुम यह क्या बोल रहे हो और तुम्हे मुझसे इस तरह की बात करते हुये शर्म आनी चाहिए.

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अब में समझ गया था कि यह ऐसे सीधी तरह से नहीं मानेगी तो इसलिए मैंने उसे पकड़कर बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और थोड़ी देर उसने अपना विरोध जारी रखा और फिर मैंने उसे किस करना बंद किया और उससे बोला कि देखो नेहा आज हम दोनों घर पर बिल्कुल अकेले है और आज जो शाम को मैंने देखा और उसे देखने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जिस चीज़ की ज़रूरत तुम्हे है वो में तुम्हे दे सकता हूँ और मुझे जिस चीज की जरूरत है वो तुम मुझे बहुत आसानी से दे सकती हो, इसमें हम दोनों का ही फायदा है और तुम चाहो तो सोचकर देख लो.

 

फिर वो मुझे बहुत गुस्से से मुझे देख रही थी और बस चुपचाप मेरी बातों को सुने जा रही थी. मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उकसाया भी, लेकिन वो लगातार सुनती ही रही और कुछ नहीं बोली और फिर में वहां से बाहर जाने लगा तो तभी मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार और कोशिश की जाए? वो अब ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी तो में जाने के लिए उठा और जाने से पहले उसके पास गया तो उसने कोई हलचल नहीं की.

मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और उसके होंठो पर होंठ रखकर किस किया और इस बार उसने साथ नहीं दिया, लेकिन में किस करता रहा और मुझे पता था कि थोड़ी देर में जब लोहा गरम होगा तो मज़ा बहुत आएगा और में उसे चूमता रहा और धीरे धीरे अपने हाथ को उसके बूब्स पर ले गया और धीरे धीरे दबाने लगा और थोड़ी देर बाद उसने भी हरकत करनी शुरू कर दी और अब वो भी किस्सिंग में मेरा पूरा साथ देने लगी और उसके हाथ हरकत में आने लगे और मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगी और अब में भी पूरा तैयार था. पहले मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो उसके सांवले रंग के निप्पल क्या मस्त लग रहे थे, उसके बूब्स एकदम टाईट थे, जैसे किसी ने आज तक कभी भी उनको दबाया ही नहीं था.

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अब हम दोनों किस करते रहे और में उसके बूब्स को दबाता रहा और मसलता रहा और अब मैंने उसकी केफ्री को उतारा तो मैंने देखा कि उसने तो पेंटी भी नहीं पहन रखी थी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, मुझे उसके चेहरे से पता लग रहा था कि वो अब सेक्स करने के लिए बहुत उत्तेजित हो गई है और वो उस मौड़ पर खड़ी थी कि वो खुद अब कुछ नहीं करना चाह रही थी, लेकिन वो सेक्स करने के लिए एकदम तैयार थी, क्योंकि मैंने बिना कुछ कहे सुने उसके दिल की बात समझ ली थी और मैंने अपने कपड़े खुद उतार दिए और में भी नंगा हो गया और अब हम दोनों ही एक दूसरे से सामने पूरे नंगे थे और अभी तक वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.

 

फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, उसने अपने दोनों पैरों को एकदम पूरा चिपका रखा था. फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे तो वो बेड पर दोनों आँखे बंद करके लेटी हुई थी तो में उसके ऊपर गया और उसके चेहरे के पास जाकर बोला कि नेहा प्लीज अब अपनी आँख खोलो और इस तरह से हम दोनों को सेक्स का मज़ा बिल्कुल भी नहीं आएगा.

फिर उसने बोला कि नहीं शेखर मुझे बहुत शर्म आ रही है. फिर मैंने कहा कि मेरी जान अब हम दोनों बिल्कुल नंगे है और तुम्हे शर्म छोड़कर सेक्स में मेरा साथ देना चाहिए और फिर उसने जैसे ही आँखे खोली तो मैंने उसे देखा और उसने स्माईल दी और हम किस करने लगे. मेरा लंड तो पूरा टाईट हो चुका था.

 

फिर मैंने उसे किस करने के बाद उसके बूब्स को चूसना, दबाना शुरू किया. अब में तो उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मस्त था और वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ की आवाज़े निकाल रही थी, इन आवाज़ो से तो माहौल और भी गरम हो जाता है. फिर मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ को डाल दिया तो उसका पूरा बदन काँप गया और वो एकदम से सिहर गई और में थोड़ी देर उसकी नाभि को जीभ से चाटता रहा और उसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए. दोस्तों वाह क्या मस्त चूत थी और मुझसे तो रहा ही नहीं गया और में उसकी चूत के दाने को मुहं में लेकर चूसने लगा और वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करके करहाने लगी, में उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो तड़प रही थी. फिर पांच मिनट चूत चाटने के बाद में उठा और उसके पैरों को फैलाकर मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो मेरे चेहरे को देख रही थी.

फिर जब हम दोनों की निगाहे मिली तो क्या बताऊँ दोस्तों उसकी स्माइल कैसी थी? फिर मैंने उससे पूछा कि क्या अब लंड डाल दूँ? फिर वो मुझसे बोली कि हाँ जल्दी से डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है और में लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा तो उसकी आँखे फिर से बंद हो गई. फिर मैंने चूत के छेद पर लंड को रखकर एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया और वो दर्द से करहाने लगी और बोली कि प्लीज उह्ह्हह्ह शेखर थोड़ा आराम से करना वरना में मर जाउंगी, उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे से करो.

फिर मैंने कहा कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, बस मज़े करो और मैंने फिर एक बार उसे चूमा और चूमते हुए ही एक धक्का मारा और अब लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया तो वो दर्द से कराह रही थी और उसका बदन कांप रहा था और में लंड को चूत में डालकर थोड़ी देर उसे किस करता रहा और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो भी मज़े ले रही थी, उसका दर्द ख़त्म हो चुका था और अब मज़े की बारी थी. उसने अपने दोनों पैरों को पकड़कर मेरी कमर पर मजबूत कर लिया था और में धक्के मारे जा रहा था और किस किए जा रहा था और वो भी आहहहह आईईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी और अब उसकी आवाज़ धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थी. फिर करीब दस मिनट तक में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

 

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दोस्तों सच में मुझे उसकी चूत को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने अपने धक्के और भी तेज़ कर दिए और जब में वीर्य निकालने वाला था तो मैंने सुरक्षा के लिए अपना लंड, चूत से बाहर निकाल लिया, लेकिन तुरंत ही उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के अंदर डालकर बोली कि अंदर ही निकालो, कोई ख़तरा नहीं है और फिर मैंने जोरदार धक्को के साथ उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उस वक़्त वो जैसे जन्नत में थी और उसकी चूत की गर्मी जैसे अब बिल्कुल शांत हो गई थी, लेकिन किसी भी चूत की गर्मी कभी शांत नहीं होती यह तो मुझे बहुत अच्छे से पता है और में उसके ऊपर ही निढाल हो गया, थोड़ी देर बाद में उठा और मेरा लंड उसकी चूत में ही था. वो स्माईल कर रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी. मैंने उसे किस किया और उसने भी मेरा साथ दिया.

 

फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके पास में लेट गया और हम दोनों पूरे नंगे लेटे हुए थे. फिर मैंने उससे पूछा कि जान कैसा लगा? तो वो मेरे ऊपर आई और मुझे किस करके बोली कि शेखर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो. फिर मैंने भी कहा कि में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि एक बात बताओ तो वो बोली कि हाँ बोलो? तब मैंने उससे कहा कि मुझे यहाँ पर रुकने के लिए तुम्हारी माँ ने नहीं कहा था. मैंने वो तुमसे झूठ बोला था तो इस बात को सुनकर उसने मुझे किस किया और बोली कि बहुत अच्छा किया और अब जब तक मेरी फेमिली नहीं आ जाती तब तक तुम हर रात को यहाँ रह सकते हो जान. फिर मैंने उसे हग किया और एक बार फिर उससे पूछा कि एक बार और हो जाए तो वो हंसने लगी और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई की और रात भर जागते रहे और बातें करते रहे और तब तक जब तक उसकी फेमिली नहीं आई और बिना किसी को पता लगे, हम दोनों हर रात को चुदाई के मज़े करने लगे और अब भी जब हमे समय मिलता है तो हम सेक्स करते है.

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